ऑस्ट्रेलिया से फाइनल आज, विश्व महिला दिवस पर इतिहास रचने को तैयार भारत की बेटियां

 
मेलबर्न

आज विश्व महिला दिवस के मौके पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर इतिहास रचने के इरादे से उतरेगी। भारतीय टीम को इस ऐतिहासिक मैदान में आज महिला टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना है। ऑस्ट्रेलिया 4 बार खिताबी सफलता का स्वाद चख चुका है जबकि भारतीय टीम पहली बार इस टूर्नमेंट के फाइनल में खेलेगी। फाइनल जैसे बड़े मैच का प्रेशर दोनों ही टीमों पर रहेगा और इस प्रेशर से जो टीम बेहतर तरीके से निपटेगी, उसके हाथ में चमचमाती हुई ट्रोफी होगी। आज भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर 31 वर्ष की हो जाएंगी। भारतीय टीम जीती तो कौर के लिए इससे शानदार बर्थडे गिफ्ट और कोई हो ही नहीं सकता।

अजेय है भारतीय टीम

वैसे भारत ने फाइनल तक के सफर में कोई मैच नहीं गंवाया जबकि ऑस्ट्रेलिया को एकमात्र हार भारत के ही हाथों पहले मैच में मिली थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम बदला लेने को बेकरार है। हालांकि उसके सामने 2 सबसे बड़े खतरे फॉर्म में चल रहीं ओपनर शेफाली वर्मा और स्पिनर पूनम यादव के रूप में हैं। 16 वर्ष की शेफाली टूर्नमेंट के 4 मैचों में 161 रन बना चुकी हैं और भारत की टॉप रन स्कोरर हैं। पूनम के नाम 4 मैचों में 9 विकेट हैं और वह ऑस्ट्रेलिया की मेगान शुट के साथ संयुक्त रूप से टूर्नमेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली बोलर हैं। इस वर्ल्ड कप में पूनम का इकॉनमी रेट 5.56 रन प्रति ओवर रहा है जबकि मेगान का 6.44 रन प्रति ओवर।
 
महज 16 वर्ष की ओपनिंग बल्लेबाज ने अपने चौके-छक्के से सभी को आकर्षित किया है। वह टूर्नमेंट में भारत की ओर से सबसे अधिक 161 रन बनाने वाली बल्लेबाज हैं। इस दौरान उन्होंने 18 चौके और सबसे अधिक 9 छक्के जड़े हैं। शेफाली का इंटरनैशल लेवल तक पहुंचने का सफर कतई आसान नहीं रहा है। बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि टीम इंडिया की इस नई सनसनी को लड़का बनकर क्रिकेट की ट्रेनिंग लेनी पड़ी थी।
लड़की है इसलिए नहीं मिला अकैडमी में मौका
दरअसल, वह हरियाणा के रोहतक जिले से आती हैं और यहां किसी भी क्रिकेट अकैडमी ने उन्हें ऐडमिशन नहीं दिया था। उनके पिता संजीव ने बेटी के बाल कटवा दिए और फिर अकैडमी में ऐडिमशन भी मिल गया। इस बारे में रोहतक में जूलरी शॉप चलाने वाले संजीव कहते हैं, 'कोई भी मेरी बेटी को अकैडमी में ऐडमिशन नहीं देना चाहता था, क्योंकि रोहतक में लड़कियों के लिए एक भी अकैडमी नहीं थी। मैंने उनसे भीख मांगी कि उसे ऐडमिशन दे दें, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।'

पिता ने अपनाई यह रणनीति
उन्होंने बताया, 'मैंने कई क्रिकेट अकैडमी का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हर जगह रिजेक्शन मिला। तब मैंने अपनी बेटी के बाल कटवा कर उसे एक अकैडमी ले गया और लड़के की तरह उसका ऐडमिशन कराया।' क्या किसी ने यह नोटिस नहीं किया कि वह एक लड़की है? के सवाल में उन्होंने कहा, 'मैं डरा हुआ था, लेकिन किसी ने नोटिस नहीं किया। नौ से के उम्र में सारे बच्चे एक जैसे ही लगते हैं।' पिता के इस कदम ने शेफाली का जीवन बदल दिया। अगर वह हार जाते तो भारत को सचिन-सहवाग की तरह महिला क्रिकेट में विस्फोटक ओपनर नहीं मिलता।

सचिन-सहवाग से मिली तारीफ
टूर्नमेंट की बात करें तो शेफाली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 29, बांग्लादेश के खिलाफ 39, न्यूजीलैंड के खिलाफ 46 और श्रीलंका के खिलाफ 47 रन की मैच विनिंग पारी खेली थी। इन पारियों के बाद क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंडुलकर और मुल्तान के सुल्तान वीरेंदर सहवाग ने शेफाली की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ की थी।

कप्तान और मंधाना से चाहिए बड़ी पारी
इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल बारिश की भेंट चढ़ जाने के बाद हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली भारतीय टीम ग्रुप-ए में शीर्ष पर रहने के कारण पहली बार फाइनल में पहुंची। भारत की सफलता में 16 साल की शेफाली वर्मा की आक्रामक बल्लेबाजी और स्पिन के दबदबे वाले बोलिंग अटैक के लगातार अच्छे प्रदर्शन ने अहम भूमिका निभाई है। हालांकि अगर भारत को पहली बार वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचना है, तो स्मृति मंधाना (3 मैचों में 38 रन) और हरमनप्रीत कौर (4 मैचों में 26 रन) जैसी स्टार बल्लेबाजों को भी उपयोगी योगदान देना होगा। जेमिमा रोड्रिगेज, विकेटकीपर तानिया भाटिया और वेदा कृष्णमूर्ति को अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है। टूर्नमेंट में कोई भी भारतीय बल्लेबाज फिफ्टी प्लस स्कोर नहीं बना सकी हैं। शेफाली ने इस वर्ल्ड कप के 3 मैचों में 35 या इससे ज्यादा रन की पारी खेली हैं। उन्हें इसे फिफ्टी प्लस स्कोर में बदलने की कोशिश करनी होगी।
  

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