ऐसे सुलझा पति-पत्नी का झगड़ा, पत्नी बनाएगी खाना, पति करेगा कपड़े प्रेस

 
भोपाल 

आजकल के जमाने में मेट्रो शहरों के अलावा छोटे शहरों में भी वर्किंग शादीशुदा कपल होना एक आम बात हो चुकी है लेकिन कई बार ऐसे रिश्तो में उलझन ऐसी हो जाती है जिसे सुलझाने में अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते हैं.

ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सामने आया है, जहां कामकाजी पति पत्नी के बीच अनबन इतनी बढ़ गई कि नौबत रिश्ता खत्म करने तक पहुंच गई. पति की शिकायत है कि पत्नी ऑफिस जाने के कारण न तो उसे टिफिन बना कर देती है न ही घर के दूसरे कामों में उसका मन लगता है. यहां तक कि जब उसके सगे संबंधी भी घर आते हैं, तब भी कई बार होटल से खाना मंगाना पड़ता है क्योंकि दफ्तर से आने के बाद पत्नी कई बार खाना बनाने से मना कर देती है.

वहीं पत्नी की शिकायत है कि वह ऑफिस के साथ-साथ घर का काम भी करती है लेकिन कई बार वर्कलोड ज्यादा होने के कारण थकान हो जाती है जिसकी वजह से वह शाम को बाहर से खाना मंगवाने को कहती है. कई बार ऐसा होता है कि काम न कर पाने के कारण पति झगड़ा करने लगते हैं और इस वजह से उसकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों पर असर पड़ रहा है. इसीलिए उसने काउंसलर की मदद ली है.

ऐसे सुलझा झगड़ा

इन दोनों का मामला काउंसलर रीता तक पहुंचा जिन्होंने पति और पत्नी के बीच काम को बांट कर समझौता करा दिया है. काउंसलर रीता ने पत्नी को खाना बनाने के लिए मना लिया लेकिन पति के सामने शर्त रखी कि वह रविवार को खाना पत्नी से नहीं बनवाएगा बल्कि खुद बनाएगा और अगर ऐसा नहीं कर सकता तो वह पत्नी को बाहर खाना खिलाने ले जाएगा. पति को कहा गया है कि उसे भी घर के काम में हाथ बंटाना होगा. पत्नी यदि खाना बनाएगी तो पति को जिम्मेदारी दी गई है कि वह घर के कपड़े धोएगा और उन्हें प्रेस करेगा.

परिवार परामर्श केंद्र की काउंसलर रीता ने बताया कि बदलते जमाने के साथ कामकाजी पति पत्नी होना एक बेहद आम बात हो चुकी है और कई बार व्यस्तता के चलते पति हो या पत्नी, दोनों ही घर के काम पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते और उनके बीच झगड़े आम हो चले हैं. कई बार ये झगड़े इतने बढ़ जाते हैं कि नौबत तलाक तक आ जाती है. उन्होंने बताया कि बीते कुछ साल से ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं जिसमें झगड़े की मुख्य वजह पति-पत्नी का इगो होती है. ऐसे में एक काउंसलर होने के नाते उनकी कोशिश होती है कि पति-पत्नी के बीच काम का बंटवारा कर रिश्ते को खत्म होने से बचाया जाए और ज्यादातर मामलों में पति-पत्नी इसके लिए राजी भी हो जाते हैं.

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