एसपी के ट्रांसफर पर यूं सामने आया आरक्षक का दर्द

भोपाल
15  सालों बाद कांग्रेस सत्ता में आई है और कई बदलाव कर रही है। हाल ही में कमलनाथ सरकार द्वारा कई अधिकारियों, एसपी, कलेक्टरों के ट्रांसफर किए गए थे। इसमें एक नाम एसपी निमिष अग्रवाल का भी शामिल है।निमिष अग्रवाल अपने कामों और खूबियों को लेकर  हमेशा चर्चा में रहे है।उनके चलते गुना जिले में सैकडों इनाम फरार बदमाश पकड़े गए, कई खुलासे हुए औऱ पुलिस बल में भी नई ऊर्जा का संचार हुआ। उनके तबादले से ना सिर्फ जनता बल्कि पुलिसकर्मियों में भी निराशा है, ऐसे ही एक आरक्षक दीपक त्रिपाठी का भी दर्द सामने आया है। उन्होंने एक वाट्सअप ग्रुप में एसपी निमिष अग्रवाल के ट्रांसफर को लेकर अपनी अंतरव्यवस्था व्यक्त की है और उनकी कार्यप्रणाली के बारे में चंद शब्द लिखे है, हालांकि जब ये पोस्ट की गई तब अग्रवाल ग्रुप से लेफ्ट हो चुके थे।लेकिन अब ये पोस्ट सोशल मीडिया पर जमकर शेयर की जा रही है। 

दीपक लिखते है कि निमिष अग्रवाल साहब, आई.पी.एस. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक जिला गुना (म.प्र.)के अप्रत्याशित फ़ेरबदल में सैनानी, 7 वी वाहिनी बिसबल भोपाल हुए स्थानांतरण से हर कोई स्तब्ध एवं हैरान है, लेकिन शासन की मंशा ही लोकतंत्र में सर्वोपरि होकर स्थानांतरण को सामान्य प्रक्रिया माना गया है, किंतु श्रीमान अग्रवाल साहब की जिला गुना में पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना होने से पूर्व जिला गुना न केवल पुलिस कार्यप्रणाली अपितु चहुंओर जहां भी पुलिस से आमजन की अपेक्षा है, की कसौटी पर बार बार कसा जा रहा था। पुलिस विभाग आपसी गुटवाजी एवं बैमनस्यता में एक दूसरे को नीचा दिखाने के प्रयास में लगा होकर अपनी छवि पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा था, जिसकी नित खबरें प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में चाही हुई थी। साथ ही पारदी समस्या अपना बिकरालरूप लिए सामने थी। 

उन्होंने लिखा है कि लगभग इसी दौरान माह अक्टूबर 2017 में अग्रवाल साहब के पदभार सम्भालते ही उपरोक्त खामियों एवं  चुनौतियो का बखूबी सामना करते हुई जिला पुलिस बल गुना में अदभुत ऊर्जा का संचार कर चली आ रही आपसी वैमनस्यता को प्रतियोगिता में तब्दील कर दिया। परिणास्वरूप पुलिस की अलग अलग टीमों के द्वारा एक दूसरे से ज्यादा उल्लेखनीय कार्यों को करने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की जाने लगी, फलस्वरूप दो मुख्य पारदी गैंग (मोहर सिंह एवं रामगोपाल) का सफाया हो पाया। साथ ही लाखों रुपये के फ़रारी इनामी बदमाश पकड़ में आ सके। इसके अतिरिक्त कई अनसुलझे प्रकरण (अंधे कत्ल, चोरी, लूट, मोटर साइकिल चोरी इत्यादि) का पर्दाफाश होकर उल्लेखनीय बरामदगी संभव हो सकी।

उन्होंने लिखा है कि  साथ ही साहब के 15 महीनों के कार्यकाल में जिस प्रकार की सफ़लता स्थाई वारंटों की तामीली में प्राप्त हुई वह अतुलनीय एवं अभूतपूर्व है, जिसका मूल कारण साहब की नियमित मॉनीटिरिंग एवं प्रोत्साहन है, जो हर अच्छे कार्य, स्थाई वारंट की तामीली पर मुक्तकंठ से मातहत स्टाफ की, की गई प्रशंसा (guna police group, reward) ने असीमित ऊर्जा का काम किया। साहब ने न सिर्फ मैदानी क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वालों को सराहा अपितु cctns, कोर्ट कार्य, आसूचना संकलन, कार्यालयीन स्टाफ जिनमे सायबर सेल, cctv, cctns एवं चुनाव सेल में लगे स्टाफ का भी नियमित उत्साहवर्द्धन किया गया। इसके अतिरिक्त श्रीमान के मार्गदर्शन में सामुदायिक पुलिसिंग के भी कई उल्लेखनीय कार्य पुलिस लाइन गुना में जारी कराए गये, जिनसे लाभांवित लोग साहब के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

उन्होंने लिखा है कि अग्रवाल साहब से मुझ आरक्षक को समक्ष में मिलने का सौभाग्य तो कभी नहीं मिला, किंतु साहब की ख्याति, कार्यप्रणाली एवं प्रशासनिक क्षमता का मुरीद होने पर जो अनुभव किया, उसे अपने शब्दों में साझा कर रहा हूं। साहब एक कोमल हृदय व्यक्तित्व के धनी है, जो हर चुनोती का सामना बड़े ही सहज ढंग से करते है और निखरकर आते हैं। यही साहब की खूबी है। मैं परमात्मा से विनती करता हूं कि अग्रवाल साहब के मार्गदर्शन में बारम्बार कार्य करने का अवसर प्राप्त हो। साथ ही साहब को हार्दिक शुभकामनाएं भारी मन से ज्ञापित करता हूं।

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