एम्स का ओपीडी बंद होने से परेशान हुए मरीज

रायपुर
कोरोना संक्रमण के बीच एम्स में नियमित ओपीडी को बंद कर दिया गया है। साथ ही सोमवार को नया आदेश जारी करते हुए प्रबंधन ने अपने बाकी 36 विभागों की ओपीडी को भी बंद कर दिया है। हालांकि कोरोना के संदिग्ध मरीज पहुंच रहे हैं। करीब 2 सौ मरीज जांच कराने के लिए अब तक आ चुके हैं, इनमें से 20-22 का परीक्षण ही किया गया। बाकी को लौटा दिया गया। एम्स में मरीजों की जांच न होने की शिकायत पर सांसद सुनील सोनी ने एम्स प्रबंधन से बातचीत की है।

एम्स प्रबंधन ने बताया कि बाकी मरीजों की कोई विदेश यात्रा से लौटने वाले लोगों से मेलजोल और अन्य तरह की हिस्ट्री न होने के कारण लक्षण देखकर वापस भेजा गया है। जबकि 20-22 की ही कोरोना के संदिग्ध होने का लक्षण देखकर जांच पड़ताल की गई है। दूसरी तरफ, ओपीडी बंद होने से रोजाना सैकड़ों मरीज प्रभावित हो रहे हैं। जबकि एम्स के अधीक्षक डॉ. करण पीपरे ने साफ तौर पर जानकारी दी थी की अस्पताल में परमोनरी विभाग का गठन किया गया है जिसमें 15 मेडिकल अफसरों की टीम कोरोना वायरस पर काम कर रही है।

एम्स के प्रशासन विभाग के उप निदेशक नीरेश शर्मा ने बताया कि ओपीडी तो बंद की है मगर इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी। मगर बात यह है कि जब कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग और काउंसलिंग आयुष भवन में की जा रही है तो 36 विभागों के डॉक्टर्स को भी कोरोना के नाम पर अपनी सेवाओं से मुक्त किया जा रहा है।

अंबेडकर अस्पताल से कोरोना वायरस के संदिग्ध का सैंपल भेजने की बजाए मरीज को ही एम्स भेजा जा रहा है। एम्स के अधीक्षक डॉ. करण पीपरे ने कहा है कि जब से समता कॉलोनी की छात्रा कोरोना से पीड़ित हुई है। हमारा प्रबंधन अलर्ट हुआ है। हालाकि कोरोना को लेकर हमने परमोनरी विभाग का गठन किया है। अन्य विभागों की ओपीडी को बंद करने का आदेश दिया गया है। अन्य मरीजों को अगर दिक्कत आ रही है तो इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *