एक ही जगह 9 बच्चों की कब्र देखकर गम में डूबा गांव

गाजियाबाद
हापुड़ में रविवार देर रात एनएच-234 पर हुए सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई। वहीं, घायल 15 लोगों में से 6 की हालत गंभीर है, जिनका मेरठ में इलाज चल रहा है। वहीं दूसरी ओर बच्चों को दफनाने के लिए जब कब्र खुदने लगी तो कोई ऐसा नहीं जिसकी आंख नम न हुई हो। गांव में किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला।

हाफिजपुर थाना क्षेत्र के गांव सालेपुर कोटला निवासी मेहरबान की बेटी गुलिस्तां का रविवार को निकाह हुआ था। खाना खाने के बाद लड़की पक्ष के करीब 26 लोग एक पिकअप गाड़ी में सवार होकर गांव आ रहे थे। सादिकपुर गांव के पास देर रात करीब 11 बजे एक अज्ञात वाहन ने पिकअप में टक्कर मार दी। हादसे में मौके पर ही 9 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 17 लोग घायल हो गए। वहीं सोमवार शाम इलाज के दौरान 1 और बच्चे ने दम तोड़ दिया, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 10 हो गई। सोमवार सुबह पोस्टमॉर्टम के बाद 9 लोगों के शव घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। सभी को गांव में एक ही स्थान पर कब्र में दफनाया गया।

मातम में बदलीं खुशियां
गांव सालेपुर कोटला के लोग अपने बच्चों के साथ शादी समारोह से हंसी-खुशी गांव जा रहे थे, लेकिन कुछ ही मिनट में हादसा होने पर खुशियां मातम में बदल गईं। हादसे में अनस (15), सूफियान (10), शिफा (9), अक्षा (12), गय्यूर (11), अब्दुल रहमान (18), शाहनबाज(12), इकराम(10), सुहेल (13), आसिफ (11) की जान चली गई।

पुलिस से पहले कांवड़िए जुट गए मदद में
हादसे के बाद पुलिसनवपर देरी से पहुंचने का आरोप लगा है। घायलों का कहना है कि पुलिस करीब आधे घंटे की देरी से पहुंची, तब तक राहगीरों और कांवड़ियों ने मदद की। लोगों ने अपने वाहनों में डालकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया, नहीं तो मरने वालों की संख्या बढ़ सकती थी। मामले में डीएम अदिति सिंह ने पुलिस के प्रति नाराजगी जताई है। वहीं, डीएम और एसपी डॉ.यशवीर सिंह ने मृतकों और घायलों की आर्थिक स्थिति देखते हुए शासन को संस्तुति पत्र भेजा है।

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