एक दिन में मिले 214 मरीज, वकील की मौत: डेंगू का कहर

पटना  
डेंगू के मरीजों की संख्या बुधवार को सबसे अधिक रही। एक दिन में 214 डेंगू के मरीज पहचाने गए।मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने से चिकित्सा जगत में हड़कंप मचा है। वहीं, हाईकोर्ट के एक वकील राजीव लोचन की मौत हो गई।  

पीएमसीएच में पांच तो पटना एम्स में तीन मरीज भर्ती हुए हैं। पीएमसीएच के वायरोलॉजी लैब में एक दिन में 216 व्यक्तियों की जांच की गई। इनमें 99 मरीज सिर्फ पटना में डेंगू पॉजिटिव पाये गए। वहीं निजी अस्पतालों में राजेश्वर हॉस्पिटल में 13, सीएनएस हॉस्पिटल में एक, रूबन हॉस्पिटल में 12, उदयन हॉस्पिटल में आठ, सहयोग हॉस्पिटल में छह, कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में 22, पारस हॉस्पिटल में 55 मरीज डेंगू के पाये गए हैं। एक दिन में कुल 214 डेंगू के मरीज चिह्नित हुए हैं। इससे पहले एक दिन में अधिकतम 188 डेंगू के मरीज मिले थे। 

जानकारों की मानें तो अभी दीपावली तक डेंगू के केस में बढ़ोतरी होती रहेगी। जरूरी है कि शहर में लगातार फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव किया जाए ताकि इसपर नियंत्रण पायी जा सके। सरकारी और शहर के प्रमुख निजी अस्पतालों से मिले प्रत्येक दिन के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक कुल 1842 डेंगू के मरीज चिह्नित हो चुके हैं। पटना एम्स के मेडिसीन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.रविकीर्ति ने बताया कि इस बार डेंगू के मरीजों के मिलने का केस दिसंबर तक जाएगा। एम्स में पिछले 10 दिनों से डेंगू के मरीजों के आने की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। हर दिन चार से पांच डेंगू के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। 

डेंगू के पन्द्रह मरीज भर्ती
एनएमसीएच के मेडिसीन विभाग में डेंगू के 15 मरीजों का इलाज चल रहा है। बुधवार को एनएमसीएच की माइक्रोबायोलॉजी लैब में 52 मरीज जांच के लिए पहुंचे। इनमें डेंगू के 15 मरीजों के सैम्पल पॉजीटिव पाए गए। सेंट्रल इमरजेंसी में 30 मरीजों को जांच के लिए भर्ती कराया गया है। जिसकी रिपोर्ट 24 घंटे बाद गुरुवार की शाम मिलेगी। इधर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में जांच के लिए एलाइजा किट की कमी हो गई है। जिसका असर जांच पर पड़ सकता है। किट की आपूर्ति मलेरिया विभाग करता है। दूसरी ओर आरएमआरआई में लगे शिविर में 180 मरीजों की जांच की गई। इनमें 52 मरीजों के सैम्पल पॉजीटिव पाए गए।

अधिवक्ताओं में गुस्सा  मुआवजा देने की मांग
पटना हाईकोर्ट के 35 वर्षीय वकील राजीव लोचन की डेंगू से मौत की खबर मिलते ही हाईकोर्ट के वकील शोक में डूब गए। राजीव का निधन निजी अस्पताल में इलाज के दौरान बुधवार की सुबह हो गया। इधर वकील संघों ने प्रेस वार्ता कर सरकार तथा निगम पर आरोप लगाया और कहा कि प्रशासनिक विफलता के कारण ही वकील की मौत हुई है। सही तरीके से फॉगिंग नहीं की जा रही है। कई वकील डेंगू की चपेट में हैं। एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि संघ द्वारा तत्काल 50 हजार की अनुग्रह राशि दी जाएगी। लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार ठाकुर ने सरकार को डेंगू से निपटने के लिए कारगर कदम उठाने की बात कही। सचिव राजीव कुमार सिंह ने निधन की जानकारी कोर्ट को दी। उन्होंने बताया कि पूरा शहर डेंगू की चपेट में है पर प्रशासन चुप है। भाजपा विधि-विधायी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक तारकेश्वर नाथ ठाकुर तथा अवधेश कुमार पांडेय ने पर्याप्त मुआवजा देने की मांग सरकार से की है। इस दुख की घड़ी में पूरा वकील समुदाय उनके परिवार के साथ खड़ा है।

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