उत्तर प्रदेश में अब तक कांग्रेस ने दिए सबसे ज्यादा 18 प्रतिशत महिलाओं को टिकट

 
लखनऊ 

देश और प्रदेश के सभी राजनीतिक दल आधी आबादी को सशक्त बनाने की वकालत तो खूब करते हैं, लेकिन महिलाओं को टिकट देने में कतराते हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में भी कुछ ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। अभी तक सभी दलों ने करीब तीन चौथाई प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। हालांकि दलों द्वारा 33 फीसदी महिलाओं को टिकट देने की बात अभी महज सपना है।  
 
कांग्रेस ने 10 महिला प्रत्याशियों पर लगाया दांव 
उत्तर प्रदेश में महिला प्रत्याशियों को टिकट दिए जाने के मामले में अभी तक कांग्रेस सबसे आगे है। लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने अभी तक 55 प्रत्याशी घोषित किए हैं। इसमें से 10 महिलाएं हैं। कांग्रेस ने करीब 18 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया है। कांग्रेस द्वारा उतारी गई महिला प्रत्याशियों में सबसे बड़ा नाम है यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का है। कांग्रेस ने उन्हें रायबरेली सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, गाजियाबाद से डॉली शर्मा, नगीना से ओमवती देवी जाटव, आगरा से प्रीति हरित, मिश्रिख से मंजरी राही, उन्नाव से अन्नू टंडन, सीतापुर से कैसर जहां, बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले, प्रतापगढ़ से रत्ना सिंह और महराजगंज से सुप्रिया श्रीनेत को टिकट दिया है। 

बीजेपी ने 9 महिलाओं को दिया टिकट 
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अब तक 65 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। इसमें 8 महिलाएं शामिल हैं। बीजेपी के टिकट पर एक बार फिर मथुरा से सिने अभिनेत्री हेमा मालिनी चुनाव मैदान में हैं। अमेठी में राहुल गांधी को चुनौती देने के लिए बीजेपी ने स्मृति इरानी को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके अलावा फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति, बदायूं से संघमित्रा मौर्या, इलाहाबाद से रीता बहुगुणा जोशी, रामपुर से जयाप्रदा, सुलतानपुर से मेनका गांधी और धौरहरा से रेखा वर्मा पर दांव लगाया है। बीजेपी ने सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में अभी तक करीब 12 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है। 

बीएसपी के 17 प्रत्याशियों में 3 महिलाएं 
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) का नेतृत्व मायावती करती हैं, लेकिन मगर महिलाओं को टिकट देने के मामले में उनकी पार्टी काफी पीछे हैं। अभी तक लोकसभा चुनावों के लिए बीएसपी ने 17 प्रत्याशियों का ऐलान किया है जिनमें तीन महिला प्रत्याशी शामिल हैं। जिन महिला प्रत्याशियों को बीएसपी ने इस बार चुनावी मैदान में उतारा है, उनमें अकबरपुर से निशा सचान, मिश्रिख से नीलू सत्यार्थी और आंवला से रुचि वीरा शामिल हैं। इस तरह बीएसपी ने अब तक 17.64 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया है। पार्टी इस बार 38 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 

समाजवादी पार्टी ने भी 17% महिलाओं को दिया मौका 
समाजवादी पार्टी (एसपी) संरक्षक मुलायम सिंह यादव अपने भाषणों में लगातार राजनीति में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने की बात कहते हैं। मगर मुलायम की इस सीख का ज्यादा असर पार्टी पर नहीं दिखता। 37 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ रही एसपी ने अब तक 29 प्रत्याशियों की घोषणा की है। इनमें पांच महिला प्रत्याशी शामिल हैं। अभी तक अखिलेश ने करीब 17 प्रतिशत महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। एसपी की ओर से चुनाव में उतरने वाली महिला प्रत्याशियों में कन्नौज से डिंपल यादव, कैराना से तबस्सुम हसन, उन्नाव से पूजा पाल, लखीमपुर खीरी से डॉ. पूर्वी वर्मा और हरदोई से ऊषा वर्मा हैं। 

मायावती और प्रियंका हैं राजनीति की महिला शक्ति 
यूपी के चुनावी मैदान में इस बार महिलाओं को खूब धूम है। बीएसपी मुखिया मायावती जहां अपनी पार्टी के लिए मैदान में उतरी हैं। वहीं, कांग्रेस ने खोई जमीन वापस पाने की जिम्मेदारी महासचिव प्रियंका गांधी को सौंपी है। प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान दी गई है। 

2014 में यह था यूपी में महिला प्रत्याशियों का हाल 
पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में कुल 125 महिला प्रत्याशी थीं, जिनमें से मात्र 13 महिलाएं संसद पहुंच सकीं। बात पार्टियों की हो तो बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में महज 11 महिला प्रत्याशी उतारे थे। वहीं, कांग्रेस ने 7 महिलाओं को टिकट दिया था जबकि समाजवादी पार्टी ने 12 और बीएसपी ने 6 लोकसभा सीटों पर महिलाओं को टिकट दिए थे। 
 

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