उच्चा शिक्षा विभाग के पास 100 करोड़ फंड होने फिर भी प्रदेश भर प्रोफेसर का अटका वेतन

भोपाल
मध्य प्रदेश में उच्चा शिक्षा विभाग के पास 100 करोड़ फंड होने के बाद भी प्रदेश भर के कॉलोजों में प्रचार्य, प्रोफेसर, बाबू और चपरासियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है। त्यौहारों के मौसम में भी कॉलेज के प्रोफेसर और अन्य कर्मचारी खाली हाथ हैं। इसके पीछे का कारण आईएफएमआईएस में महंगाई भत्ते के हेड में 369 रुपए होना मात्र हैं। इससे सभी के बिल तैयार तो हो रहे हैं, लेकिन जारी नहीं हो पा रहे हैं। जिस वजह से प्रोफेसरों का दो महीने का वेतन अटका हुआ है। यही नहीं गेस्ट विद्वानों को तो 8 माह से वेतन नहीं मिला।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 5 हज़ार प्रोफेसर और साढ़े पांच हज़ार अतिइ विद्वान हैं। इनमें से करीब 200 कॉलेजों के प्रोफेसरों को अगस्त और सितंबर महीने का वेतन नहीं मिला है। चौंकाने वाली बात यह है कि अतिथि विद्वानों का तो 8 माह का वेतन बकाया है। लेकिन विभाग तकनीकी समस्याओं का रोना रोकर अपना पलड़ा झाड़ रहा है। वेतन नहीं मिलने से परेशान प्रोफेसरों को पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

बताया जा रहा है कि सारा मामला वित्तीय विभाग के कारण उलझा है। मूल वेतन के हेड में करीब 100 करोड़ रुपए शासन ने जमा कर रखे हैं। एचआर के हेड में डेढ़ करोड़ तक आनलाइन आईएफएमआईएस के हेड में दिखाई दे रहा है। शासन को सिर्फ डीए में बजट नहीं देने के कारण प्रदेश भर में चपरासी से लेकर प्रचार्य तक के वेन अटके हुए हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *