इस शहर में -72 डिग्री के तापमान पर लोगों का जम जाता है खून, यहां जीना है मुश्किल

ठंड हर किसी को पसंद होती है। लेकिन जब ठंड खून को जमा दे और जीने के लिए जद्दोजहद करनी पड़े तो सर्दी का मौसम नापसंद में तब्दील हो जाता है। दुनिया में एक ऐसा ही शहर है, जहां का तापमान -72 डिग्री सेल्सियस तक नोट किया गया है। सर्दियों में यहां सामान्य तौर पर तापमान -50 डिग्री सेल्सियस रहता है। लेकिन स्कूल फिर भी चलते रहते हैं। रूह कंपा देने वाले इस शहर का नाम Oymyakon है। अगर इस शहर में गर्म पानी को हवा में उछाल दिया जाए तो तुरंत बर्फ में तब्दील हो जाता है। आपने कई अजीब से शहरों के बारे में पढ़ा होगा, जिसके बारे में आप जानकर हैरान हो जाते होंगे की भला ऐसा कहां होता है। ऐसे ही एक शहर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

इसे दुनिया का सबसे ठंडा शहर माना गया है। इससे भी ठंडी जगह हैं लेकिन वो शहर नहीं हैं। यहां ठंड का इस कदर प्रकोप है कि अगर गाड़ी की इंजन आपने बंद कर दी तो गाड़ी दोबारा चालू भी नहीं होगी। कई पर्यटकों के लिए ये शहर बेस्ट डेस्टिनेशन है, लेकिन यहां हर कोई नहीं आ सकता। इस शहर में घूमने के लिए खास ट्रेनिंग दी जाती है।

सर्दियों के मौसम में यहां पानी की समस्या ज्यादा रहती है। क्योंकि यहां पाइप में मौजूद पानी भी जम जाता है। ऐसे में पीने का पानी भी बर्फ पिघलाकर इस्तेमाल किया जाता है। सर्दियों में पानी जम जाने पर लोग अपने घरों के बाथरूम का इस्तेमाल नहीं करते हैं। ऐसे में लोगों को बाहर जाना पड़ता है, जो किसी जंग से कम नहीं है।

सर्दियों में यहां पहुंचने के लिए आपको दो दिन कार का सफर करना पड़ेगा। क्योंकि यहां इतनी बर्फ जमा हो जाती है कि कोई भी प्लेन लैंड नहीं कर पाती है। नजदीकी रूसी शहर याकुत्सक से दो दिन की कार में सफर करना पड़ सकता है। शहर के मौजूद कई चौराहों पर थर्मामीटर लगाए गए हैं, वहीं शहर के एक चौराहे पर मेन थर्मामीटर लगा हुआ है। मेन चौराहे पर एक निशान है जो ये दर्शाता है कि सबसे कम तापमान कब गया था। क्योंकि ये शहर आर्कटिक सर्कल के बहुत करीब है। यहां सर्दियों में 21 घंटे अंधेरा रहता है।

अगर आप शाकाहारी हैं तो आपको इस शहर में खाने की बहुत दिक्कत हो सकती है। क्योंकि सर्दियों में यहां बिल्कुल ही खेती नहीं होती है। और गर्मियों में बहुत ही कम खेती-बाड़ी होती है। यहां के लोग खरगोश, रेंडियर, मछलियों व अंडों पर जिंदा रहते हैं। ऐसा खाना उनके शरीर को गर्म रखता है। मरे हुए जानवर भी जम जाते हैं, जिसे पकाने के लिए उन्हें पहले पिघलाना पड़ता है।

अगर आप यहां घूमने के लिए आना चाहते हैं तो सावधानी पूर्वक आना चाहिए। क्योंकि यहां के लोगों को इस मौसम की आदत पड़ चुकी है। लेकिन यहां घूमने आने वालों के लिए स्वास्थ्य से कई जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। उन्हें फ्रॉस्ट बाइट बहुत तेजी से हो सकता है। अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो उंगलियां भी काटनी पड़ सकती है। इसलिए यहां जाने वालों के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। अगर आप यहां जाने की सोच रहे हैं तो एक प्रॉपर चैनल के जरिए जाएं ना कि खुद से ट्रिप प्लान करें।

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