इस नवरात्रि ये छोटा सा उपाय दिलायगा सभी वास्तु दोषों से छुटकारा

अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोगों के घरों में कई तरह के वास्तु दोष पैदा हो जाते हैं। इनका कारण होता है घर-परिवार के लोगों की लापरवाही या यूं कहें कि उनको इस बारे में जानकारी नहीं प्राप्त होती। जिस वजह से वो अपने घर में पैदा वास्तु दोष को दूर नहीं कर पाते। तो अगर आपको भी इससे जुड़ी बातें नहीं पता तो चलिए आपको चैत्र नवरात्रि के इस खास मौके पर वास्तु से जुड़े ऐसे उपाय बताते हैं जो आपके लिए फायेदमंद हो सकते हैं। 

अगर आपके निवास अथवा व्यवसाय स्थल पर किसी ने वास्तु दोष बताया है अथवा आपको अचानक हानि होती है तो यह उपाय आपके लिए बहुत लाभकारी है। यह उपाय आप नवरात्रि में कर सकते हैं। नवरात्रि के दौरान को आप जिस स्थान पर वास्तुदोष है, उस स्थान के ईशान कोण में एक मटकी रखें और उसमें अभिमंत्रित एक-एक कौड़ी, गोमती चक्र व हरी इलायची डालें।

इस प्रकार आप ग्यारह-ग्यारह की संख्या में कौड़ी, गोमती चक्र व हरी इलायची डालें अर्थात हर बार तीनों ही एक-एक संख्या में लगातार ग्यारह बार डालें। उसके ऊपर मिट्टी की प्लेट रखकर उसके ऊपर दक्षिणमुखी गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर को स्थान दें। (दक्षिणमुखी उन्हें कहते हैं जिनकी सूंड हमारी ओर से दाईं तथा गणेश की दिशा से बाईं ओर हो)। अगले दिन तक मटकी ऐसे ही रखी रहने दें। इसमें यह ध्यान रखें कि कोई उसे स्पर्श न करें।

अगले दिन आप गोमती चक्र व कौड़ी निकाल कर धोकर अलग रख दें और इलायची व जल किसी पेड़ में डाल दें। फिर जल भरकर वही प्रक्रिया करें अर्थात एक-एक की संख्या में गोमती चक्र, कौड़ी व हरी इलायची ग्यारह बार मटकी में डालें और गणेश जी को स्थान दे दें और फिर अगले दिन दोनों चीजों धोकर अलग रख दें और इलायची व जल पेड़ में डाल दें।

इस प्रकार आप लगातार नौ दिन तक यह करते रहें। दसवें दिन आप पानी को पेड़ में डालने के स्थान पर अपने वास्तुदोष वाले सारे स्थान पर छिड़क दें और गणेश जी की तस्वीर अथवा मूर्ति जो भी हो को अपने व्यवसाय स्थल में स्थान दे दें। मटकी में गोमती चक्र, हरी इलायची तथा कौड़ियों को ले जाकर किसी चौराहे पर फोड़ दें। बिना पीछे देखे वापस आ जाएं।
 
आज का समय ऐसा चल रहा है कि कोई किसी अन्य को सुखी नहीं देख सकता है। वह किसी को सुखी देखकर स्वयं अधिक दुखी है। वह सदैव यही प्रयास करता है कि किसी प्रकार से सामने वाला दुखी हो। इसके लिए वह तंत्र का सहारा लेता है जिसके माध्यम से वह आपके शरीर को, घर के सुख के साथ व्यापार को भी क्षति पहुंचाने का प्रयास करता है। इसके लिए यदि आपका शरीर अधिकतर अस्वस्थ रहता है अथवा आपके व्यापार में अचानक हानि होती है तो इसके लिए आप किसी शुभ समय में कवच तैयार कर अपने परिवार के साथ अपने व्यापार को भी हानि होने से बचाएं। यह कवच आप इस प्रकार तैयार कर सकते हैं:- शुभ समय में आप भोजपत्र पर मां आदिशक्ति का कवच बनाकर सवा लाख अथवा इससे दुगने मंत्रों से कवच सिद्ध कर अपने शरीर पर धारण करें। दूसरा कवच मुख्यद्वार पर लगाएं। 

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