इस तरह से किया गया कन्या पूजन, दिलाएगा मां का भरपूर आशीर्वाद

जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि 6 अप्रैल से इस वर्ष के चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रहे हैं। लगभग सभी लोग जानते ही होंगे कि नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तो कन्या पूजा का विधान होता है। कहा जाता है कन्या पूजन के बिना नवरात्रि में की गई पूजा सफल मानी जाती, इसलिए मान्यता प्रचलित है कि नवरात्रि की अष्टी या नवमी को कन्याओं का पूजन करना अनिवार्य होता है। इससे मां दुर्गा अति प्रसन्न होती हैं और जातक की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

तो आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि के दौरान किन खास पदार्थों से देवी दुर्गा के साथ कन्याओं का पूजन करना लाभदायक होता है। परंतु इससे पहले आपको बता दें कि  नवरात्रि में कितने वर्ष की कन्या को किसी देवी का रूप माना जाता है। 

  1. एक साल की कन्या-“संध्या”
  2. दो साल की कन्या-“सरस्वती”
  3. तीन साल की कन्या -“रिद्धिमूर्ति”
  4. चार साल की कन्या -“कालिका”
  5. पांच साल की कन्या -“सुभगा”
  6. छ: साल की कन्या -“उमा”
  7. सात साल की कन्या-“मालिनी” 
  8. आठ साल की कन्या-“कुब्जा” 
  9. नौ साल की कन्या-“कालसंदर्भा”
  10. दस साल की कन्या -“अपराजिता”
  11. ग्यारह की कन्या -“रुद्राणी”
  12. बारह साल की कन्या-”भारवी”
  13. तेरह साल की कन्या -“महालक्ष्मी”
  14. चौदहवें साल की कन्या -“पीठनायिका”
  15. पंद्रहवें साल की कन्या -“क्षेत्रजा”
  16. सोलहवें साल की कन्या- “अम्बिका”।

कैसे करें पूजन-

  • नवरात्रि के पहले दिन सांसारिक मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु किसी एक कन्या का सफेद और लाल फूलों से पूजन करना चाहिए।
  • दूसरे दिन सभी तरह की भौतिक इच्छाओं की प्राप्ति के लिए कन्याओं को लाल व पीले रंग के फल अर्पित करने चाहिए।
  • इसी कड़ी में नवरात्रि के पहले दिन तीसरे दिन कन्याओं में मिठाई बांटनी चाहिए।
  • चौथे दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे वस्त्र या रुमाल, रिबन आदि भेंट करें।
  • पांचवे दिन संतान लाभ हेतु संतान कन्या पूजान करने के बाद लड़कियों को अपनी इच्छानुसार वस्तुएं भेंट करें।
  • तो वहीं नवरात्रि के छठे दिन कुमारियों को खेल-कूद की वस्तुएं जैसे खिलौने, रस्सी इत्यादि भेंट कर सकते हैं।
  • सातवें दिन कन्याओं को लेखन की चीज़े,  जैसे कापी कलम आदि देना अच्छा माना जाता है। 
  • ज्योतिष अनुसार आठवें दिन कन्याओं को मीठा भोजन खिलाना चाहिए इससे धन प्राप्ति होती हैं।
  • नौवें यानि नवरात्रि के आखिरी दिन घर में कन्याओं के साथ मिलकर हवन करें, बाद में उन्हें इलायची और पान खिलाएं।

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