इलाज के दौरान महिला के मुंह में हुआ विस्फोट, मौत

 अलीगढ़
 
एएमयू मेडिकल कॉलेज में बुधवार को सल्फास खाने वाली महिला के उपचार के दौरान मुंह में अचानक धमाका होने के बाद आग लग गई थी।गुरुवार को फॉरेंसिक साइंस विभाग ने माना कि पेट में बनी अलफोस गैस के हवा से संपर्क में आने पर यह विस्फोट हुआ। कॉलेज इस अनूठे मामले को मेडिकल जगत के सामने रखने के साथ ही इस पर शोध भी करेगा। 

थाना हरदुआगंज क्षेत्र के कस्बा जलाली के मोहल्ला नसीर की रहने वाली शीला देवी (40 वर्षीय) पत्नी चुकेंद्र सिंह की बुधवार को अचानक तबियत बिगड़ गई थी। शीला को एएमयू के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। यहां पर डॉक्टरों ने विषाक्त पदार्थ के सेवन का संदेह जताते हुए उपचार करना शुरू किया था। आनन-फानन में मरीज के मुंह में पाइप और अन्य उपकरणों के माध्यम से उपचार चल ही रहा था कि अचानक महिला के मुंह में विस्फोट हो गया, चंद मिनट बाद ही महिला की मौत हो गई। इसके बाद डॉक्टरों ने इमरजेंसी में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई इस घटना को बारीकी से देखा। जिन डॉक्टरों ने महिला का इलाज किया था वह विषाक्त पदार्थ के रूप में सल्फ्यूरिक एसिड का सेवन करने का संदेह जता रहे थे। यह एसिड ऑक्सीजन के सीधे संपर्क में आने के बाद विस्फोट की स्थिति ले लेता है। 
गुरुवार को मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक विभाग की टीम ने हादसे की पड़ताल की। उनका मानना है कि यह विस्फोट महिला के सल्फास खाने की वजह से हुआ है। पेट में सल्फास पूरे शरीर में घुल गया। उसके बाद अल्फोस (एल्यूमीनियम फास्फाइड) पेट में पानी से टकराया और पेट में फोस्फिन गैस(पीएच-3) बन गई। यह गैस गैस्ट्रिक ट्यूब के सहारे बाहर आई तो हवा से टकराने पर यह विस्फोट हुआ। 

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