बंगाल में TMC-BJP के बीच ‘जंग’ में जानिए कौन से दल देख रहे अपना फायदा

नई दिल्ली 
पश्चिम बंगाल   में तृणमूल एवं भाजपा  के बीच सीधी लड़ाई में वामपंथी दलों  को अपने लिए उम्मीद नजर आ रही है। दरअसल, मतदान के आखिरी तीन चरणों में राज्य में भाजपा को बढ़त मिलती दिख रही है जिससे यह अटकलें भी लगी हैं कि भाजपा, तृणमूल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है। जबकि पूर्व में यह आकलन था कि भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ने से वामदलों के वोट भी कटेंगे। बंगाल में पिछले आम चुनाव में तृणमूल का मत प्रतिशत 39, वामदलों का 30 और भाजपा का 17%रहा है। जबकि कांग्रेस 10% के करीब रही। अब जब राज्य में चुनाव अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं। कांग्रेस और वामदलों की स्थिति जस की तस रह सकती है। जंग तृणमूल और भाजपा के बीच सीमित होकर रह गई है।

भाजपा को लगता है कि तृणमूल को हराए बगैर पार्टी की सीटें राज्य में नहीं बढ़ सकती हैं। इसलिए भाजपा ने तृणमूल पर ही सीधे हमले बोले हैं। तृणमूल ने भी मोदी और शाह को निशाना बनाकर अपना गढ़ बचाने की कोशिश की। दोनों दलों के बीच सीधी जंग अंतिम चरण के मतदान से ठीक पहले चरम पर पहुंच गई। चुनावी लड़ाई तृणमूल व भाजपा के बीच केंद्रीत होने से वामदल अपना फायदा महसूस कर रहे हैं। माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी कहते हैं कि भाजपा के आक्रामक रुख अख्तियार करने से तृणमूल को भारी नुकसान हुआ है जबकि वामदल अपनी जगह मजबूती से खड़े हैं।

धुर्वीकरण कराने में सफल
राजनीतिक जानकारों का कहना है मत प्रतिशत बढ़ने से जीत सुनिश्चित नहीं होती है। कांग्रेस ने 10% मत हासिल कर पिछली बार चार सीटें और वामदल 30% वोट पाकर भी दो सीटें जीत पाए। यह इसपर निर्भर करता है कि कितनी सीटों पर वह मजबूती के साथ खड़े हैं। जानकार मानते हैं भाजपा राज्य में ध्रुवीकरण कराने में सफल रही है। पर ऐसी सीटें एक दर्जन से भी कम हैं जहां यह फायदा दे सकता है। 

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