इंसेफेलाइटिस से बच्चों की मौत गरमाई सियासत, क्या जेडीयू-भाजपा के लिए घातक होगा एईएस
मुजफ्फरपुर
उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण कथित रूप से 160 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में लगता है कि नीतीश कुमार फंस गए हैं. बिहार के मुख्यमंत्री स्थिति से निपटने में न केवल राज्य के स्वास्थ्य तंत्र की विफलता की व्याख्या करने में असमर्थ हैं, बल्कि वे एक साथ मीडिया और विपक्षी दलों के हमले का भी सामना कर रहे हैं. एईएस से उत्पन्न राज्य की खराब स्थिति ने उनकी अच्छी इमेज पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
स्थिति को चतुराई से नहीं संभाल पाने के कारण ऐसा लग रहा है कि जैसे नीतीश कुमार विमानवाहक तोपों के हमले का सामना कर रहे हैं. एईएस से बच्चों की मौत के मुद्दे में जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आने वाले दिनों में निम्न स्तरीय राजनीतिक विवाद पैदा करने की क्षमता है. नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार में शामिल होने से नीतीश के इनकार के बाद जेडीयू-भाजपा गठबंधन एक धागे से लटका हुआ है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, सीपी ठाकुर द्वारा नीतीश पर हाल ही में किया गया हमला इस बात का संकेत है कि इस गठबंधन को आगे बढ़ाने के प्रयास नहीं किए गए तो दोनों दलों के रिश्ते और भी तनावपूर्ण हो सकते हैं.
चिकित्सक सीपी ठाकुर ने समय पर चिकित्सा सहायता के साथ जवाब नहीं देने और स्थिति को हर दिन खराब होने से रोकने की नीतीश कुमार सरकार की क्षमता पर सवाल उठाए हैं. ठाकुर ने कहा कि बिहार सरकार हर साल इंसेफेलाइटिस फैलने के समय ही सक्रिय होती है और घातक बीमारी की रोकथाम के लिए पहले से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.
भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार सरकार को एईएस को गंभीरता से लेना चाहिए और यह पता लगाने के लिए अनुसंधान और उच्च-स्तरीय जांच पर ध्यान देना चाहिए कि क्या मुजफ्फरपुर और उसके आसपास उगने वाले सुस्वाद फल लीची का इस बीमारी के प्रकोप से कुछ लेना-देना है. भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने सार्वजनिक रूप से नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ हमला नहीं बोला है क्योंकि भाजपा प्रदेश सरकार का हिस्सा है और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भाजपा नेता हैं, जो बीमारी के भयावह होने के समय कनाडा के दौरे पर थे. लेकिन जेडीयू और बीजेपी के शीर्ष नेताओं के बीच तनातनी का खेल जारी है और नीतीश पर बढ़ते हमलों को बीजेपी के कड़े तेवर के रूप में देखा जा रहा है.