आॅनलाइन ठगी का शिकार हो गए आबकारी अफसर

रायपुर
आबकारी विभाग के एक तकनीकी अफसर समेत दो लोग आॅनलाइन ठगी के शिकार हो गए। आबकारी अफसर ने हफ्तेभर के अंदर एक कंपनी से करीब 10 हजार का मोबाइल खरीद कर उसका आॅनलाइन भुगतान कर दिया, लेकिन मोबाइल नहीं पहुंचा। इसी तरह डंगनिया के एक युवक ने 14 हजार में आॅनलाइन लैपटॉप खरीदना तय किया, तभी वॉट्सअप पर क्यूआर कोड मंगाकर उसके बैंक खाते से 7 हजार रुपये पार हो गया। पुलिस ठगी के दोनों मामलों में पड़ताल कर रही है।

पुलिस के मुताबिक मंत्रालय के आबकारी विभाग में तकनीकी अफसर न्यू राजेंद्र नगर निवासी शिशिर रायजादा ने 25 अक्टूबर को ओआरजी कंपनी की वेबसाइड पर जाकर आॅनलाइन रेडमी नोट-8 खरीदी का आॅर्डर दिया। इसके बाद कंपनी को अपने क्रेडिट कार्ड से 9 हजार 999 रुपये भुगतान कर दिया।  आॅर्डर के मुताबिक उन्हें एक-दो दिनों में मोबाइल मिल जाना था, लेकिन हफ्तेभर बाद भी मोबाइल की डिलवरी नहीं हुई। अफसर ने इस संबंध में वापस कंपनी की वेबसाइड पर जाकर उसके दिए गए नंबरों और कॉल सेंटर पर फोन किया, तो सब कुछ बंद मिला। आखिर में पता चला कि कंपनी फर्जी थी। राजेंद्र नगर पुलिस धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर पूछताछ कर रही है।

डंगनिया के टीकमचंद सोनीने कल अपना एक पुराना लैपटॉप बेचने के लिए ओएलएक्स में विज्ञापन डाला। एक मोबाइल धारक ने उसे फोन कर उसे 14 हजार रुपये में खरीदना तय किया। सौदा तय होने के बाद मोबाइल धारक ने 7 हजार रुपये आॅनलाइन पेमेंट की बात कहकर युवक से अपने वाट्सअप पर क्यूआर कोड भेजने कहा। युवक ने जैसे ही उसके वाट्सअप पर यह कोड भेजा, तो उसके खाते से 7 हजार रुपये पार हो गया। डीडी नगर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर ली है, पूछताछ जारी है। दोनों घटनाओं में आरोपी फिलहाल नहीं पकड़े जा सके हैं।

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