छत्तीसगढ़ के लिए 16 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्वीकृत

रायपुर
वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 16 नये एकलव्य आदर्श आवसीय विद्यालय स्वीकृत किए गए हैं। इसी तरह राज्य के सभी 41 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में सीबीएससी पाठ्यक्रम संचालित किए जाने का अनुमोदन किया गया है।

यह जानकारी आदिम जाति एवं अनुसूचित जनजाति मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की अध्यक्षता में कल शाम मंत्रालय में छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति ‘संचालक मंडल’ की बैठक में दी गई।

नवीन स्वीकृत 16 एकलव्य आदर्श आवसीय विद्यालय बिलासपुर जिले के विकासखण्ड के पेण्ड्रा के ग्राम लाटा, कोरबा जिले के विकासखण्ड पाली के ग्राम लाफा, रायगढ़ जिले के विकासखण्ड धर्मजयगढ़ के ग्राम बयासी, सूरजपुर जिले के विकासखण्ड प्रतापपुर के ग्राम खोरमा और विकासखण्ड मुख्यालय ओड़गी, बलरामपुर जिले के विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम मोरकुल और सामरी(कुसमी) विकासखण्ड के ग्राम देवरी, सरगुजा जिले के विकाखण्ड उदयपुर के ग्राम रिखि, कोरिया जिले के विकासखण्ड सोनहत के ग्राम बेलिया, राजनांदगांव जिले के विकासखण्ड मानपुर के ग्राम ख्वासफड़की, बस्तर जिले के विकाखण्ड तोकापाल के ग्राम मेटावाडा, कोएपाल और राजुर, कांकेर जिले के विकासखण्ड कांकेर के ग्राम बारदेवरी, बीजापुर जिले के विकासखण्ड बीजापुर में एजुकेशन सिटी नुकानपाल, सुकमा जिले के विकासखण्ड कोन्टा के ग्राम ईराबोर और कोन्टा, दंतेवाड़ा जिले के विकासखण्ड दंतेवाड़ा के ग्राम मेटापाल और जशपुर जिले के विकासखण्ड जशपुर के ग्राम घोलेन्ग में स्वीकृत किए गए हैं।

डॉ. टेकाम ने कहा कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं से ही सीबीएससी पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाए। इन विद्यालयों की रैंकिंग शिक्षा, खेल और अन्य गतिविधियों की उपलब्धियों के आधार पर की जाए। ड्राप आउट लेकर पीईटी और पीएमटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को भी इन विद्यालयों के माध्यम से आगे की पढ़ाई की व्यवस्था की जाए। इन विद्यालयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रयास विद्यालय की तर्ज पर कोचिंग की व्यवस्था की जाए।

डॉ. सिंह ने कहा कि ऐसे संस्था जिनके नये भवन पूर्ण हो गए हैं, उन्हें शीघ्र स्थानांतरित किया जाए। जहां जमीन है, वहां पर भवन का निर्माण किया जाए। नवीन विद्यालयों के संचालन के लिए सभी वैकल्पिक व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएं।

उन्होंने विद्यालय के वृक्षारोपण में बच्चों की भागीदारी बढ़ाने को कहा तथा वृक्षारोपण का अच्छा कार्य करने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करने को भी कहा। स्कूल और आवास में रहने वाले बालक और बालिकाओं के लिए अच्छी दिनचर्या की कार्ययोजना बनाकर उसे अमल में भी लाए। कार्ययोजना में संस्कृतिक प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रीयता की भावना बढ़ाए। स्वस्थ तन-स्वस्थ मन योजना के तहत बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराए।

डॉ. सिंह ने पढ़ाई में कमजोर बच्चों को विशेष कोचिंग देने, निर्धारित मानक अनुसार पोषण आहार प्रदान करने के निर्देश भी दिए। इन संस्थाओं की समीक्षा और रोस्टर बनाकर निगरानी के लिए जिला स्तर पर डिप्टी कलेक्टर के समकक्ष या वरिष्ठ अधिकारी को प्रशासक नियुक्त किया जाए। निरीक्षण के लिए एक मानक पत्र तैयार कर प्रत्येक तीन माह में अंक प्रदाय कर रैंकिंग की जाए। राज्य स्तर पर उत्कृष्ट एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की ग्रेडिंग की जाए।

संचालक मंडल की बैठक में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की वार्षिक कार्ययोजना, मद के आय-व्यय का अनुमोदन किया गया। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के संचालन हेतु मुख्यालय स्तर पर एकलव्य प्रकोष्ठ गठने करने पर चर्चा की गई। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास के लिए उपकरण क्रय करने तथा स्वीकृत सेटअप के अनुसार रिक्त पदों को भरने पर चर्चा की गई।

बैठक में सचिव अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग डी.डी.सिंह सहित समिति के अन्य समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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