आस्था का सैलाब, 5 दिनों में 75 किमी का सफर तय करेंगे 5 हजार पदयात्री

खरगोन
 कुंदा तट स्थित नवग्रह मंदिर से हर-हर नर्मदे और हर-हर महादेव के जयघोष के साथ मंगलवार को पंचकोसी यात्रा शुरू हुई। प्रमुख मार्गों से होकर गुजरे यात्रियों का जगह-जगह शहरवासियों ने स्वागत किया। यह यात्रा प्रतिवर्ष पौष कृष्ण एकादशी से शुरू होती है और समापन अमावस्या को होता है। यात्रा डॉ. रवींद्र भारती (उज्जैन) की प्रेरणा और ब्रह्मलीन संत पूर्णानंद बाबा व बोंदरु बाबा की स्मृति में निकाली जाती है।

यात्रा के प्रतिनिधि पं. सुरेश चौबे, डॉ. दिलीपसिंह चौहान, गंगाराम मिस्त्री, शंकरलाल यादव आदि ने बताया कि पदयात्रा में करीब पांच हजार ग्रामीण महिला-पुरुष और बच्चे शामिल हुए हैं। पदयात्री सोमवार शाम को ही नवग्रह मंदिर पहुंचना शुरू हो गए थे। रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार को सुबह गणेश पूजन, नवग्रह पूजन, ओंकार ध्वज का पूजन व महाआरती के बाद पद यात्रियों ने नर्मदे हर के जयघोष के साथ यात्रा शुरू की। वहीं विधायक रवि जोशी भी श्रद्धालुओं से मिलने सुबह नवग्रह मंदिर पहुंचे। उन्होंने धर्मध्वजा का पूजन किया।

यात्रा के मुख्य ध्वजवाहक मेहरजा के नैनसिंह बाबा हैं। मंदिर के पं. लोकेश जागीरदार ने बताया कि पदयात्रा की निमाड़ में विशेषता महत्व है। नवग्रह मंदिर से शुरू हुई यात्रा शहर के विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना के बाद गोपालपुरा, मेहरजा होकर ग्राम नागझिरी पहुंची। यहां बोंदरु बाबा समाधि स्थल परिसर में रात्रि विश्राम के साथ भजन-कीर्तन का दौर चला।

इस प्रकार रहेगा यात्रा रूट

2 जनवरी- नागझिरी, राजपुरा, जामली, कुकडोल, कुम्हारखेड़ा, उमरखाली में रात्रि विश्राम करेंगे।

3 जनवरी- उमरखाली से भसनेर, खरगोन संतोषी माता मंदिर, बड़घाट में रात्रि विश्राम करेंगे।

4 जनवरी- बड़घाट नाग मंदिर से दामखेड़ा, रणगांव, बिरोटी, बेड़ियाव इंद्र टेकड़ी में रात्रि विश्राम।

5 जनवरी- बेड़ियाव से मेलडेरेश्वर, नवग्रह मंदिर परिसर में पूजन और भंडारा के साथ यात्रा का समापन।

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