आमने-सामने: तेजस्वी और जीतन राम मांझी ने गिनाए एक-दूसरे पर किए एहसान

पटना  
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा राजद पर लगातार साधे जा रहे निशाने से महागठबंधन में तल्खी बढ़ गई है। बुधवार को नेता विपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने मांझी के बेटे को एमएलसी बनाने समेत उन पर किए अन्य एहसानों को गिनाते हुए उन पर निशाना साधा। जवाब में मांझी भी चुप नहीं बैठे। पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनके पुत्र संतोष सुमन को एमएलसी बनाने का फैसला लालू प्रसाद का था। चुनावी लाभ के लिए यह राजद का स्वार्थ था। तेजस्वी ने जहां महागठबंधन में घटक दलों के नेताओं के विमर्श के हवाले से कहा है कि समन्वय समिति और क्या होती है। इसके जवाब में मांझी ने फिर महागठबंधन में को-आर्डिनेशन कमेटी की मांग दुहराई। कहा कि अगर 31 मार्च तक यह नहीं बनी तो बृहद महागठबंधन की परिकल्पना को साकार किया जाएगा।

समिति नहीं थी तो मांझी के बेटे एमएलसी कैसे बने: तेजस्वी 
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हम प्रमुख जीतन राम मांझी को पुरानी बातें याद दिलाईं। उन्होंने कहा कि अगर समन्वय समिति नहीं थी तो उनके बेटे को एमएलसी किसने बनाया। हम सब ने बैठकर ही यह फैसला लिया। महागठबंधन के सभी दल के नेता आपस में बात करते ही हैं तो समन्वय समिति और क्या होती है। 

राजद कार्यालय में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मांझीजी को जो मिला राजद ने अपने कोटे से दिया। तीन लोकसभा सीटें भी दीं। दूसरी जगह क्या मिला या मिलेगा, सब जानते हैं। गौरतलब है कि जीतनराम मांझी को-आर्डिनेशन कमेटी की मांग को लेकर राजद पर हमलावर तेवर अख्तियार किए हुए हैं। मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मांझी ने मुलाकात की। इसे लेकर सूबे की सियासत सरगर्म रही। इससे एक दिन पहले मांझी के घर पर रालोसपा नेता उपेन्द्र कुशवाहा और वीआईपी के मुकेश सहनी भी जुटे और महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग उठाई। 

अपने स्वार्थ के लिए लालू ने मेरे पुत्र को दिया टिकट: जीतन राम मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने  साफ कर दिया कि 31 मार्च तक महागठबंधन के संचालन के लिए को-आर्डिनेशन कमेटी नहीं बनी तो एक वृहद महागठबंधन बनेगा। अपने क्षेत्र के विकास और जिले की समस्याओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री से मिलते रहेंगे। अपने आवास पर प्रेस वार्ता में कहा कि उनके पुत्र संतोष सुमन को एमएलसी बनाने का फैसला लालू प्रसाद का था। लालू प्रसाद ने अररिया उपचुनाव में जीत के लिए उनसे मदद मांगी थी। बीसियों बार उन्हें फोन किया था। मिलने बुलाया, तब हम मिलने गए। हम की मदद व हमारे दलित वोटों के कारण राजद की वहां जीत हुई। जहानाबाद में भी राजद की जीत ‘हमारे वोटों’ के कारण हो सकी। इन्हीं कारणों व अपने स्वार्थ से लालू ने उनके पुत्र को विधान पार्षद का टिकट दिया। ये बातें तेजस्वी जानते हैं।

मांझी ने साफ किया कि बृहद महागठबंधन में कन्हैया, पप्पू यादव, मायावती की बसपा और सीपीआई समेत सारे वाम दल रहेंगे। इन लोगों से बातचीत करेंगे। एक प्रश्न पर कहा कि जदयू में शामिल होने का कोई सवाल नहीं है। स्वीकार किया कि मुलाकात के दौरान राजनीतिक बातें भी हुई थीं। मौके पर प्रवक्ता विजय यादव, अमरेंद्र त्रिपाठी, दानिश रिजवान भी थे।

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