आधी रात को गोवा को मिला नया CM, प्रमोद सावंत ने ली शपथ, 2 डिप्टी CM भी होंगे

मडगांव

बीते करीब एक दशक से भारतीय जनता पार्टी के गढ़ बन गए गोवा में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद पार्टी को बड़ा झटका लगा. पार्टी के लिए सबसे बड़ी चिंता ये थी कि मनोहर पर्रिकर का उत्तराधिकारी कौन बनेगा, जिसके लिए पूरे दिन बैठकों का दौर चला. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी ने कई बैठकें की और तब जाकर रात दो बजे बीजेपी के युवा नेता प्रमोद सावंत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में 2017 में चुनाव हुए थे, जब बीजेपी बहुमत से दूर थी और गठबंधन के सहारे सत्ता में आई थी. लेकिन, मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद साथियों को मनाना नामुमकिन हो रहा था और साथ में ही अपने विधायकों को भी बचाने की चुनौती थी. यही कारण रहा कि प्रमोद सावंत मुख्यमंत्री बने. वहीं सहयोगी दलों महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के सुदीन धावलीकार और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा.

सुबह से रात तक चला बैठकों का दौर…

बता दें कि मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद से ही राज्य में सत्ता का संघर्ष शुरू हो गया था. 14 विधायकों वाली कांग्रेस ने एक ओर राज्यपाल को खत लिख कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन बीजेपी की ओर से नितिन गडकरी गोवा में ही थे और उन्होंने लगातार बीजेपी विधायकों और गठबंधन के अन्य नेताओं के साथ बैठक की.

मुख्यमंत्री पद के लिए पहले प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर का नाम सामने आया, लेकिन शाम तक प्रमोद सावंत के नाम पर मुहर लग गई थी. और देर रात दो बजे प्रमोद सावंत ने शपथ ली, उनके साथ 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली.

कैसा है नई कैबिनेट राजनीतिक समीकरण?

आपको बता दें कि कांग्रेस ने सोमवार सुबह दावा किया था कि भाजपा के पास बहुमत नहीं है यही कारण है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका मिले. भाजपा के सामने गठबंधन के साथियों को मनाने का संकट था, जिसमें वह कामयाब रही.

गुरुवार को जो शपथ ली गई है, उसमें प्रमोद सावंत भाजपा से, डिप्टी सीएम विजय सरदेसाई गोवा फॉरवर्ड पार्टी से, महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के सुदीन धावलीकर डिप्टी सीएम के अलावा तीन मंत्री GFP, 2 MGP, 5 BJP और 2 निर्दलीय मंत्रियों ने शपथ ली है.

साफ है कि अभी के लिए तो गोवा में भारतीय जनता पार्टी के लिए संकट टलता आ रहा है, हालांकि अभी विधानसभा में बहुमत साबित करने की परीक्षा बाकी है.

 

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