हरियाणा: गैर जाटों के ध्रुवीकरण से बीजेपी को जींद में मिली जीत!

 जींद 
जींद उपचुनाव के नतीजों ने हरियाणा के भविष्य की राजनीति की तस्वीर पेश कर दी है। जींद के नतीजे न केवल लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर असर डालेंगे, बल्कि इन परिणामों ने हार का स्वाद चखने वाले तमाम राजनीतिक दलों को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर कर दिया।  
 
जाटलैंड जींद में बीजेपी ने 52 साल के लंबे अंतराल के बाद पहली बार कमल खिलाने में सफलता हासिल की है। बीजेपी की इस जीत में जाट मतदाताओं का बिखराव और गैर जाटों का ध्रुवीकरण सबसे अहम रहा। ऐसे में अब लोकसभा चुनाव के साथ ही हरियाणा विधानसभा का चुनाव होने की संभावना हो गई है। 

जाट मतदाताओं का हुआ बिखराव 
जींद में जाट मतदाताओं में बिखराव हुआ है। जाट मतदाता जननायक जनता पार्टी ( जेजेपी) उम्मीदवार दिग्विजय सिंह चौटाला और कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सिंह सुरजेवाला में बंट गए, जबकि आईएनएलडी के उम्मेद सिंह रेढू उम्मीद के मुताबिक भी अपना प्रदर्शन नहीं कर पाए। बीजेपी सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के उम्मीदवार विनोद आशरी ने हालांकि दस हजार से अधिक वोट हासिल कर गैर जाट मतों में सेंधमारी की, लेकिन उनका गैर जाट का नारा बीजेपी के कामकाज के आगे नहीं टिक पाया है।  
बांगल-जाट बेल्ट में खाता खोलकर बीजेपी ने दिए संकेत 
पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को उत्तर और दक्षिण हरियाणा से काफी सीटें मिली थीं। अब मध्य हरियाणा खासकर बांगर- जाट बेल्ट में बीजेपी ने अपना खाता खोलकर संकेत दे दिए कि उसका विजय रथ हर दिशा में घूमेगा। 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दिया जा रहा जीत का श्रेय 
प्रदेश में पांच नगर निगमों के चुनाव में मिली विजय के बाद जींद का रण जीतने का सीधा श्रेय मुख्यमंत्री मनोहरलाल और उनकी सरकार के अब तक के कामों को दिया जा रहा है। जींद में जाट मतदाताओं का बिखराव और गैर जाट मतदाताओं की एकजुटता भी सत्तारूढ़ बीजेपी की जीत बड़ा कारण बनी है। जींद के रण में जनता ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार के सवा चार साल के कामकाज पर अपनी मुहर लगाई है। बीजेपी के प्रति जींद के खासकर ग्रामीण मतदाताओं ने भी अपना भरोसा जताया है। ग्रुप-डी की भर्तियों में निष्पक्षता, ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी तथा एक समान विकास कार्यों को इसकी वजह बताया बताया जा सकता है। बीजेपी को ग्रामीण वोट भी उम्मीद से कहीं अधिक मिले। सबसे खराब हालत कांग्रेस की रही। 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *