आदिल डार नहीं…ऐसे युवाओं की वजह से जिंदा है कश्मीरियत, पूरे देश को नाज

 
नई दिल्ली
    
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए अटैक के बाद कश्मीर का 20 साल का एक आतंकवादी काफी चर्चा में है, जिसका नाम है आदिल डार. दरअसल ये वो ही शख्स है, जिसने सीआरपीएफ जवानों की बस से विस्फोटक से भरी कार को टकराया था. आदिल डार का वीडियो आने के बाद कश्मीरी युवाओं को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. आदिल की इस कायराना करतूत से पूरे कश्मीर के युवाओं पर लोग सवाल उठा रहे हैं. लेकिन कश्मीर में कई युवा ऐसे भी हैं जो न सिर्फ कश्मीर बल्कि पूरे हिन्दुस्तान के लिए नजीर बने हैं.

इरम हबीब

जम्‍मू-कश्‍मीर की रहने वाली इरम हबीब प्रदेश की पहली मुस्लिम महिला पायलट हैं. 30 साल की इरम निजी एयरलाइंस गो एयर से जुड़ी थीं. उन्होंने अमेरिका में करीब 260 घंटे विमान उड़ाने का अनुभव हासिल किया है. वे बचपन से ही पायलट बनना चाहती थीं.

मुजफ्फर अहमद खान

बांदीपुरा के जुरेज के रहने वाले मुजफ्फर अहमद खान ने एक काउंटिंग पेन का आविष्कार किया है, जो लिखते समय ही यह बता देगा कि आपने कितने शब्द लिखे हैं. मुजफ्फर की ओर से बनाए गए इस पेन में कैसिंग जुड़ा है. इस खास की खासियत ये है कि जब कोई इस पेन से कुछ लिखेगा तो यह खुद ही शब्दों की गिनती कर देगा. साथ ही आप इस पर लगी स्क्रीन या इसे मॉनिटर से जोड़कर यह गिनती देख सकते हैं.

हनाया निसार

हनाया निसार साउथ कश्‍मीर के अनंतनाग सेक्‍टर के कोकरनाग की रहने वाली एक 12 साल की लड़की है. हनाया निसार ने साउथ कोरिया में खेले गए कराटे चैंपियनशिप में गोल्‍ड मेडल जीता था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी तारीफ की थी. हनाया के घर की माली हालत काफी खराब थी, फिर भी उन्होंने अपनी मेहनत से देश का नाम रोशन किया.

बिलाल डार

बिलाल डार 18 साल का कचरा उठाने वाला एक लड़का है, जो वूलर झील से कचरा साफ करके पैसा कमाता है. उसने पूरी झील को साफ करने का बीड़ा उठाया था. उसने पूरी झील को साफ किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में इसकी तारीफ की थी. उसके पिता भी ये ही काम करते थे, जिनकी 2003 में कैंसर की वजह से मौत हो गई थी.

शमा शब्बीर

पिछले साल मई में सीबीएसई के नतीजे जारी हुए, जिसमें जम्मू-कश्मीर की एक लड़की शमा शब्बीर का नाम भी काफी चर्चा में आया. दरअसल शमा शब्बीर एक ऐसी छात्रा हैं, जिन्होंने 97.8 फीसदी अंक हासिल कर जम्मू-कश्मीर में पहला स्थान हासिल किया था. खास बात यह है कि उनके पिता एक अलगाववादी नेता हैं.

शाह फैसल

शाह फैसल जम्मू कश्मीर राज्य से एक सिविल सर्वेंट हैं. साल 2009 में वे भारतीय सिविल सेवा परीक्षा टॉप करने वाले पहले कश्मीरी बने थे. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उन्हें उनकी सफलता पर उन्हें बधाई दी. वे जम्मू और कश्मीर राज्य में यूथ आइकॉन की तरह उभरे हैं. हालांकि, अब वह प्रशासनिक सेवा छोड़कर राजनीतिक अखाड़े में उतर आए हैं.

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