आठवीं कड़ी में महिलाओं को बराबरी के अवसर पर सुना गया मुख्यमंत्री रेडियोवार्ता ’लोकवाणी’

सूरजपुर
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की लोकवाणी की 8वीं कड़ी का ’’महिलाओं को बराबरी के अवसर’’ पर आज सूरजपुर के विभिन्न हिस्सों में सुनी गई जिसमें कलेक्टर श्री दीपक सोनी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अश्वनी देवांगन, अपर कलेक्टर श्री एस0 एन0 मोटवानी की उपस्थिति में सूरजपुर में किए जा रहे वर्ष के बड़े आयोजन सक्षम सूरजपुर की साइकिलिंग प्रतिस्पर्धा के बीच बनाए गए हाइड्रेशन पॉइंट ग्राम सोनगरा में बड़ी संख्या में उपस्थित समूह की महिलाओं के साथ सुना गया।

गायत्री, ग्राम कुरूवाः-
गायत्री ग्राम कुरुवा महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा बताया गया कि आपके द्वारा 9 नवम्बर 2020 को सिलफिली में हमारे जिले के सभी 6 विकासखण्डों की ट्रायबल मार्ट दुकानों का उद्घाटन किया था। इससे हम लोगों को बराबरी का अवसर मिला और 1481 परिवारों को रोजगार मिलने से जीने के नई आस जगी। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। अभी तक हम लोगों ने 1 करोड़ रू. का सामान छात्रावासों और खुले बाजारों में बेच लिया हैै। हम सभी महिला स्व-सहायता समूह के लोग बहुत खुश हैं। मुख्यमंत्री जी आपसे निवेदन है कि हम लोगों की दुकान देखने जरूर आइयेगा। हम सबकी तरफ से आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।

खुशबू, ग्राम समाजवारः-
खुषबू ने बताया कि ट्राइबल मार्ट का समूह है जिसमें मैं अध्यक्ष हूँ। मैं जिस समाजवार गांव में रहती हूं, वहां महिलाएं चार-दीवारी के अंदर रहती हैं। चूल्हा-चौका, पति की सेवा, बाल-बच्चों की सेवा करने को ही पसंद किया जाता है। जो काम पुरूष करते हैं, उन कामों में महिलाओं को किसी भी स्थिति में नहीं लाया जाता है। इसके पीछे कारण यह है कि क्या तुम्हारे घर में कोई पुरूष कमाने वाला नहीं है, इसका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। आर्थिक तंगी के बीच जीवन गुजर बसर हो रहा था। इसी संबंध में हमारे गांव में गौठान का निर्माण किया गया है। इसमें महिलाओं के समूह को गौठान में छत्तीसगढ़ सरकार तथा जिले के कलेक्टर के माध्यम से आगे आने के लिए हर संभव मदद दी गई है। महिलाएं पोल, पंचिग तार तथा अन्य कार्य निर्माण कर रही हैं। मशीन पाकर बड़े-बड़े यूनिट कार्य अपने हाथों से कर रही हैं। सभी ग्रामवासी कहते थे पुरूषों के काम को महिलाएं कैसे करेंगी, लेकिन हम लोग हिम्मत नहीं हारी। हमने काम शुरू कर 15 दिन में ही सामान बनाकर बेचा। इसमें हमंे मुनाफा भी अच्छा मिला और हमारा सामान भी आसानी से गौठान में बिक गया। कलेक्टर ने लगातार हम लोगों का उत्साह बढ़ाया और हर-संभव मदद दिलाते रहे। हम लोगों को माननीय मुख्यमंत्री जी से भी मुलाकात कराया। हमारे काम की काफी सराहना भी की, जिससे हमारी महिलाओं को आत्मसंबल मिला। तब हम लोगों को लगा कि जो काम पुरूष कर सकते हैं वह काम महिलाएं भी क्यों नहीं कर सकती हैं। अब हम जिला प्रशासन के सहयोग से आत्मनिर्भर हो गए है। इसके कारण समाज, परिवार और गांव में हमारा आत्मसंबल भी बढ़ा है साथ ही आर्थिक स्थिति ठीक होने से लगता है कि महिलाओं को पुरूषों के काम में बराबरी का अधिकार दिया जाना चाहिए। हमारा संगठन जो बना हुआ है, उसको आज एक वर्ष हो गया है। हम अब-तक 81 लाख 68 हजार 971 रू. की बिक्री कर चुके हैं।

लालमणी राजवाड़े सूरजपुरः-
हमारे प्रदेश के लोकप्रिय माननीय मुख्यमंत्री जी को मेरा सादर प्रणाम। मैं आपको जानकारी देना चाहती हूँ कि मैं पहले अपने घर के अंदर तक ही सीमित थी। खाना बनाती थी और घर की देखभाल करती थी। परंतु जब से मैं बिहान योजना से जुड़ी हूं और अपने ग्राम की 186 महिलाओं को मिलाकर ग्राम संगठन का निर्माण किया है तब से हम सभी सदस्यों को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला। हमारे ग्राम में एसईसीएल की खुली खदान में पानी भरने से भी झील का निर्माण हुआ। हमारे जिले के कलेक्टर के प्रयासों से इस स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में परिवर्तित किया गया। कलेक्टर के द्वारा हमारे समूह को दो नग बोट मिले। हम लाइफ गार्ड का काम करती है, जिससे हमें आर्थिक लाभ होता है। महोदय हम लोग 14 अक्टूबर 2019 से आज तक हम लोगों को मोटर बोट से भ्रमण कराने का काम कर रही हैं। अभी तक 8 लाख 15 हजार 426 रू. तक की आमदनी हुई है। आज हम इसके माध्यम से अपने परिवार का भरण-पोषण भी कर पा रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी की सरकार के द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उनका लाभ हमें मिल भी रहा है। इन योजनाओं का लाभ प्रदेश की सभी महिलाएं उठा सकें इसके लिए हमें मार्गदर्शन व दिशा-निर्देश देने की कृपा करें, ताकि हर महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें।

खेलन्ती, ओड़गीः-
खेलंती ओड़गी के द्वारा आत्मनिर्भर के बारे में प्रष्न पूछा जिसमें मुख्यमंत्री ने बताया कि खेलंती बहन, यदि महिला समूह बड़ा उद्योग लगाना चाहते हैं तो उनके लिए हमारी सरकार ने बहुत सी सुविधाएं दी हैं। हर विभाग में उन्हें प्राथमिकता और सुगमता से काम करने की सुविधा है। बहुत से नियम शिथिल किए गए हैं। आपको हमारी नई उद्योग नीति के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। वहां आपको वह सब मिलेगा, जो आपके सपने साकार कर सके। मायका तो प्यारा होता ही है और हर बेटी मायके में राजकुमारी होती है, लेकिन बाकी जगह भी आपको सुगमता मिले, यह तो जनचेतना का विषय है। मैं कहना चाहता हूं कि वक्त तेजी से बदल रहा है और बेटियां खुद अपने लिए अनुकूल वातावरण बनाने में सफल हो रही हैं। मुझे विश्वास है कि क्या घर-क्या बाहर, हर जगह बेटियों का राज होगा यह मेरी शुभकामनाएं।

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