‘आप’ की सरकार का ऐलान- दिल्ली के अस्पताल सिर्फ दिल्लीवालों के लिए, केंद्र के अस्पताल सभी के लिए खुले
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की कैबिनेट ने फैसला लिया है कि अब दिल्ली सरकार के अस्पताल सिर्फ दिल्लीवालों के लिए आरक्षित होंगे, जबकि एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया जैसे केंद्र सरकार के अस्पतालों में कोई भी अपना मरीज इलाज करा सकता है। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों के अस्पतालों में 10,000- 10,000 बेड हैं।
केजरीवाल ने कहा कि पिछले हफ्ते हमने एक सप्ताह के लिए दिल्ली के बॉर्डर सील करते हुए दिल्ली के लोगों को पूछा था कि क्या दिल्ली के अस्पताल सभी राज्यों के लोगों के लिए खुलने चाहिए? इस पर 90% लोगों का कहना है कि जब तक कोरोना है तब तक दिल्ली के अस्पताल दिल्ली के लोगों के लिए ही आरक्षित होने चाहिए।कैबिनेट मीटिंग में कमेटी और लोगों के सुझाव के अनुसार, दिल्ली सरकार ने ये फैसला लिया है कि सोमवार से दिल्ली के बाॅर्डर खोल दिए जाएंगे। दिल्ली सरकार के और प्राइवेट अस्पताल दिल्ली के मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे। वहीं, केंद्र सरकार के अस्पताल सभी देशवासियों के लिए खुले रहेंगे।
सदस्यीय कमेटी ने सुझाव दिया है कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर दिल्ली के स्वास्थ्य ढांचे का इस्तेमाल केवल दिल्लीवासियों के इलाज में होना चाहिए।
यह सुझाव ऐसे वक्त आया है जब पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में हर रोज संक्रमण के एक हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं और अस्पतालों में बेड तथा अन्य सुविधाओं की कमी को लेकर 'आप' सरकार पर आरोप लगे हैं।
इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. महेश वर्मा के नेतृत्व वाली कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि अगर दिल्ली का स्वास्थ्य ढांचा बाहर के लोगों के लिए खुला रहा तो महज तीन दिन में सारे बेड भर जाएंगे।
कमेटी के सदस्यों में जीटीबी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुनील कुमार, दिल्ली चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. अरुण गुप्ता, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आर.के. गुप्ता और मैक्स अस्पताल के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर निदेशक डॉ. संदीप बुद्धिराजा हैं।
2 जून को AAP सरकार ने दिल्ली में COVID-19 प्रबंधन के लिए डॉक्टरों की पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। जिसका काम – कोरोना से निपटने केललिए दिल्ली के अस्पतालों की तैयारियां देखना, स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में वृद्धि और किसी अन्य क्षेत्र में जहां राजधानी में कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना था।
ज्ञात हो कि शनिवार को दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 1,320 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद यहां COVID-19 मामलों की कुल संख्या 27,654 हो गई है। आज तक, राजधानी में वायरस के कारण मरने वालों की संख्या 761 है।