आज है अष्‍टमी, जानें कन्या पूजन का सही तरीका, शुभ मुहूर्त और विधि

 नई दिल्ली 
नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस बार अष्टमी आज 06 अक्‍टूबर को मनाई जा रही है। मां दुर्गा की आठवीं शक्ति का नाम महोगौरी है। नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा का विधान है।

नवरात्रि में जो लोग पूरे नौ दिन तक उपवास रखते हैं उनके व्रत कन्या पूजन के बाद ही पूरे माने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कन्या पूजन के लिए भी एक खास मुहूर्त होता है। जिसका पालन करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग सही मुहूर्त में कन्या पूजन नहीं करते हैं उनके व्रत का फल कम हो जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस बार मां की कृपा पाने के लिए नवरात्रि में किस शुभ मुहूर्त में किस विधि से करें कन्या पूजन। 

कन्‍या पूजन का शुभ मुहूर्त-
06 अक्‍टूबर 2019 को कन्‍या पूजन के दो शुभ मुहूर्त हैं:
सुबह 09 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक.
शाम 05 बजकर 58 मिनट से रात 09 बजकर 04 मिनट तक

अष्‍टमी के दिन कैसे करें कन्‍या पूजन?
– अष्‍टमी के दिन कन्‍या पूजन करने के लिए सुबह उठकर सबसे पहले स्‍नान करें। स्नान करने के बाद सबसे पहले भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें।
– कन्‍या पूजन के लिए दो साल से लेकर 10 साल तक की 9 कन्‍याओं और एक बालक को घर पर बुलाएं। कन्याओं के बीच बैठा एक बालक बटुक भैरव का रूप माना जाता है। मान्‍यता है कि भगवान शिव ने हर शक्ति पीठ में माता की सेवा के लिए बटुक भैरव को तैनात किया हुआ है। यही वजह है कि अगर किसी शक्‍ति पीठ में मां के दर्शन के बाद भैरव के दर्शन न किए जाएं तो दर्शन अधूरे माने जाते हैं।
– कन्‍याओं को घऱ पर बुलाने के बाद उन्हें बैठने के लिए आसन देंकर उनके पैर धोएं। 
– कन्याओं के पैर धोने के बाद उन्‍हें रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाकर उनके हाथ में मौली बाधें। 
– अब कन्‍याओं और बालक को दीपक दिखाकर आरती उतारने के बाद उन्हें यथाशक्ति भोग लगाएं। आमतौर पर कन्‍या पूजन के दिन कन्‍याओं को खाने के लिए पूरी, चना और हलवा दिया जाता है। 
– भोजन के बाद कन्‍याओं को यथाशक्ति भेंट और उपहार देकर उनके पैर छूकर उन्‍हें विदा करें।

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