आज से सुनवाई करेगी मध्यस्थता कमिटी, छावनी बना शहर: अयोध्या विवाद

अयोध्या 
अयोध्या विवाद को मध्यस्थता के जरिए सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमिटी के सदस्य मंगलवार को अयोध्या पहुंच गए। बुधवार से इस मामले में सुनवाई शुरू हो रही है और मध्यस्थता से विवाद का हल निकालने की कोशिश होगी। बुधवार को 25 लोगों को बातचीत के लिए बुलाया गया है। अवध यूनिवर्सिटी के इंजिनियरिंग कैंपस स्थित गेस्ट हाउस में कमिटी के ठहरने के इंतजाम किए गए हैं। कमिटी के सदस्यों के रुकने और मध्यस्थता के लिए अलग-अलग कमरे बने हैं। कमिटी के सदस्य श्री श्री रवि शंकर, रिटायर्ड जस्टिस कलीफुल्ला और वकील श्रीराम पंचू शुक्रवार तक अयोध्या में रहेंगे। अयोध्या को छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया है। थोड़ी-थोड़ी दूरी पर पुलिस फोर्स तैनात है। 

सुरक्षा के कड़े इंतजाम 
जिला प्रशासन ने इंजिनियरिंग कैंपस को पूरी तरह से बैरिकेट कर दियाय है। किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं होगी। यहां तक कि जिस ऑडिटोरियम में सुनवाई रखी गई है, वहां सिर्फ वही लोग जा सकेंगे जिन्हें मध्यस्थता के लिए बुलाया गया है। सदस्यों से मिलने और बातचीत का यह सिलसिला अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा। 

हिंदी और अंग्रेजी टाइपिस्ट रहेंगे मौजूद 
जिला प्रशासन ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर दी है। सूत्रों की मानें तो मध्यस्थता के दौरान दोनों पक्षों के बीच जो भी बातचीत होगी, उसके पॉइंटर टाइप किए जाएंगे। इसके लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के टाइपिस्ट भी यहां मौजूद रहेंगे। 

पैनल में श्री श्री रविशंकर, उठे सवाल 
मंदिर-मस्जिद विवाद सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गठित 3 सदस्यीय पैनल के अयोध्या पहुंचने से पहले ही पैनल में शामिल लोगों के नामों पर विवाद शुरू हो गया है। सोमवार शाम को राष्ट्रीय मुस्लिम संघ की 3 सदस्यीय टीम मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी से मिलने पहुंची। लोगों ने आपस में कुछ देर चर्चा की। पैनल में रविशंकर के शामिल होने को लेकर इकबाल अंसारी ने सवाल भी उठाए। अंसारी का कहना है कि कोर्ट द्वारा बनाए गए पैनल से कोई हल निकले यह सभी लोग चाहते हैं, लेकिन श्री श्री रविशंकर का विरोध अयोध्या के साधु-संत कर रहे हैं। जहां पर संत महात्मा नहीं हैं, वहां हम भी नहीं हैं। 
 

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