नीम के बीज में होती है कुदरती गुण, किडनी और आंखों की समस्या का होता है हल
कहा जाता है कि सबसे छांवदार पेड़ होता है नीम का, भरी गर्मी में भी इस पेड़ के नीचे बैठने से शरीर की तपन दूर हो जाती है। हमारी संस्कृति में नीम का इस्तेमाल करीब 4 हजार सालों से होता आ रहा है। आयुर्वेद में भी इसके इस्तेमाल की बात कही गई है। न सिर्फ अलग-अलग बीमारियों में बल्कि चेहरे से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान छिपा है नीम में।
हालांकि नीम से होने वाले फायदों के बारे में तो आप जागरुक होंगे, लेकिन नीम की पत्तियां जितनी फायदेमंद होती हैं, उतने ही उसके बीज भी होते हैं। नीम के बीजों में भी कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जिनके सेवन करने से शरीर से जुड़ी कई बीमारियां दूर होती है। कई जगह नीम के बीज को निम्बोली भी कहा जाता है।
किडनी और प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं का करें इलाज
नीम के बीजों और पत्तों से बनी चाय भी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है। यह किडनी, मूत्राशय और प्रोस्टेट से संबंधित बीमारियों के उपचार में बहुत प्रभावी है। यह उपचार दशकों से चला आ रहा है परंतु आज भी लोकप्रिय है। हालांकि यह बहुत अधिक कड़वा होता है और इन्हें पीना बहुत मुश्किल होता है।
हेयर प्रॉब्लम दूर करें
अगर आपको भी हेयरफॉल और डैंड्रफ जैसी परेशानियां है तो नीम के बीज का इस्तेमाल करें। नीम में मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी पैरासिटिक गुणों के अलावा, विटामिन सी, प्रोटीन और कैरोटीन। बालों को सभी तरह के इंफेक्शन से दूर रख जुएं जैसी समस्याओं से बचाता है।
मलेरिया की रोकथाम करें
नीम को मलेरिया की रोकथाम औषधी के लिए भी जाने जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, नीम के पीसे हुए बीजों की दुर्गन्ध से मच्छरों को दूर रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा नीम के बीजों से निकले तेल का उपयोग मच्छरों को अंडे देने से रोकता है जिससे मलेरिया की रोकथाम में मदद मिलती है।
एंटी-एजिंग
नीम में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जो चेहरे में होने वाले परिवर्तनों को रोक देते हैं। निम्बोली से बने तेल लगाने से चेहरे की झुर्रियां कम होती है। और आपकी बढ़ती हुई उम्र रूक जाती है।
बनाएं दांतों को सुरक्षित
नीम का उपयोग प्राचीन काल से ही दांत साफ करने के लिए किया जाता रहा है। नीम में दांतों को सफेद बनाने व बैक्टीरिया को खत्म करने के गुण पाए जाते हैं। यह प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक तत्व विद्यमान होते है। नीम का तेल मसूड़े की सूजन और दांत की सड़न को दूर करने का काम करता है। इसके अलावा यह दांतों में होने वाली समस्याओं जैसे दांतों के दर्द, दांतों का कैंसर, दांतों में सड़न आदि में राहत देता है।
पालतू जानवरों को जर्म्स से रखें दूर
पालतू जानवर जर्म्स और बैक्टीरिया के सम्पर्क में जल्दी आ जाते हैं। नीम के बीज यानी निम्बोली से बना नीम का तेल आपके पालतू जानवर के लिए भी बहुत उपयोगी होता है। उनके बालों में नीम के बीज से बना तेल लगाये। इससे उनके बालों में मौजूद कीटाणु दूर होने के साथ-साथ पेट्स को हेयरफॉल की समस्या भी नहीं होगी।