आज से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज, जम्मू से हटाई गई धारा 144

 
जम्मू 

जम्मू में हालात अब बिल्कुल सामान्य हैं। ऐसे में प्रशासन ने यहां लागू धारा 144 को भी हटाने का फैसला किया है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने संबंधी सरकार के फैसले से पहले ही यहां धारा 144 लगा दी गई थी। हालांकि यह निर्णय केवल जम्मू के लिए है, राज्य के बाकी हिस्से में स्थिति यथावत लागू रहेगी। आपको बता दें कि इस धारा के लागू होने पर किसी भी जगह पर 4 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते थे। ऐहतियात के तौर पर प्रशासन ने यह फैसला किया था। 
  सभी स्कूल और कॉलेज शनिवार से खुलेंगे 
शुक्रवार को जम्मू जिले की डेप्युटी मैजिस्ट्रेट सुषमा चौहान ने जम्मू निकाय की सीमा से धारा 144 को हटा लिया है, जिसमें किसी भी जगह पर 4 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगती है। प्रशासनिक आदेश के अनुसार शनिवार से सभी स्कूल, कॉलेज और शैक्षिक संस्थानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। इससे पहले प्रशासन ने लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए थोड़ी ढील दी थी।
 
बता दें कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेषाधिकारों को खत्म किए जाने और राज्य के पुनर्गठन के फैसले के पहले ही पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई थी। जम्मू में सोमवार 5 अगस्त सुबह 6 बजे से ही धारा 144 लागू हो गई थी। इसके साथ ही ऐहतियात के तौर पर सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया था। 

यह आशंका जाहिर की गई थी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद राज्य में स्थिति और भी बिगड़ सकती है। अलगाववादी लोगों को भड़का सकते हैं। हालांकि सूबे में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। खतरे की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों की तैनाती कई गुना बढ़ा दी गई है। जम्मू क्षेत्र, विशेषकर सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 

अधिकारी रोज 20 परिवारों से मिलेंगे 
उधर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा श्रीनगर में स्थानीय लोगों से की जा रही लगातार मेल-मुलाकात से सीख लेते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रतिदिन कम से कम 20 परिवारों से मुलाकात करें। इन अधिकारियों में उपायुक्त और अराजपत्रित अधिकारी भी शामिल होंगे। लोगों से इन मुलाकातों के अलावा प्रशासन ने सेलुलर सेवा बंद किए जाने के कारण प्रभावित हुए लोगों को संचार सुविधाएं सुनिश्चित कराने के लिए घाटी में 400 टेलिफोन बूथ भी स्थापित किए हैं। 

ईद से पहले घाटी में भी सामान्य होंगे हालात? 
घाटी में सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार करीब से नजर बनाए हुए है। इसके साथ ही घाटी और दक्षिण कश्मीर में लोगों के मूड की भी सावधानीपूर्वक निगरानी कर रही है। 12 अगस्त को पड़ने वाले ईद-उल-अजहा और उससे पहले शुक्रवार की नमाज के मद्देनदर कर्फ्यू में ढील दी जा सकती है। राजभवन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि सोमवार से ईद का त्योहार शुरू होने से पहले घाटी में सामान्य स्थिति लाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों को कम से कम 20 परिवारों के घर जाकर उनकी दिन-प्रतिदिन की समस्याओं पर चर्चा करने का आदेश दिया गया है। कश्मीरियों का मूड क्या है, देखेगी सरकार 
आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद घाटी में यह पहला मौका होगा जब राज्य प्रशासन और केंद्र सरकार कश्मीरी लोगों की प्रतिक्रिया को भांपने की कोशिश करेगी। इस दौरान सरकार यह जानने की कोशिश करेगी कि कश्मीरियों का 'मूड' क्या है? 
 

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