आज प्रत्येक व्यक्ति डिजिटल सिटीजन बन चुका है: प्रो.सुनील कुमार 

भोपाल 
वर्तमान समाज डिजिटल वर्ल्ड का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। दैनिक जीवन मे यात्रा हेतु आरक्षण, बिजली बिल एवं अन्य विविध प्रकार के भुगतान एप के माध्यम से आॅनलाइन प्रक्रिया से कर रहे है। आज प्रत्येक व्यक्ति डिजिटल सिटीजन बन चुका है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म का अत्यधिक उपयोग हो रहा है। ऐसी स्थिति मे व्यक्ति की स्वयं कि सुरक्षा से लेकर सामाजिक सुरक्षा तक डाटा का सुरक्षित उपयोग महत्वपूर्ण हो चुका है। यह आवश्यक हो गया है कि हम सोशल मीडिया पर जिम्मेदार नागरिक के रूप मे अपनी भूमिका निभाए येविचार राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार गुप्ता ने कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में आयोजित डाटा सुरक्षा एवं बौद्धिक सम्पदा अधिकार विषय पर केंद्रित तीन दिनी कार्यशाला में व्यक्त किये।  

डॉ. एच डीकोस्टा (साइबर एक्सपर्ट साइबर सिक्योरिटी कारपोरेशन पुणे) ने कहाकि डाटा को सुरक्षित रखने का अर्थ है कि डाटा हर प्रकार के दूषित आचरण से मुक्त और इस प्रकार से नियंत्रित है कि केवल अधिकृत यूजर्स ही इस तक पहुंच सकते हैं। व्यक्तिगत, बैंक विवरण की जानकारी डाटा में शामिल है। इसलिए, सभी को डाटा सुरक्षित रखने की आवश्यकता है, ताकि यह अनाधिकृत यूजर्स के हाथ न लग पाए। जब यूजर के लिए निरूपयोगी डाटा को डिलीट किया जाता है, इस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि किसी अनाधिकृत व्यक्ति के द्वारा डाटा का पुनर्निर्माण न होने पाए। सूचना को डिलीट करने और फॉरमैटिंग करने से डाटा सुरक्षित तरीके से डिलीट हो गया है ऐसा नहीं माना जाता। डाटा को हमेशा के लिए डिलीट करने के लिए, कुछ सॉफ्टवेयर टूल्स उपलब्ध हैं जो डाटा का पुन:निर्माण होने से रोकते हैं। पिछले कुछ समय में देश में डाटा चोरी की घटनाये बढ़ी हैं। इसी कारण देश में डाटा संरक्षण से जुड़े कड़े कानून लाने की जरुरत है और सरकार इस पर विचार कर रही है। यूरोपीय संघ ने हाल में डाटा की निजता पर कठोर कानून पास किया है। 

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