आज उत्तरी भाग में बारिश होने की संभावना, राज्य में मानसून लगातार आगे बढ़ रहा

रायपुर
छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में रविवार को बारिश होने की संभावना है. इसके अलावा बिलासपुर से मानसून आगे बढ़ चुका है. यह मानसून अब चांपा पहुंच चुका है. राज्य में मानसून लगातार आगे बढ़ रहा है. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक बिलासपुर जिले में सही समय पर मानसून पहुंच गया है. मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि रविवार को उत्तर छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बारिश हो सकती है. इसके साथ ही लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि ये मानसून किसानों की चिंता भी दूर करेगा.

मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा के अनुसार, निम्न दाब का क्षेत्र खत्म हो गया है. परंतु इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक उत्तर अंदरूनी उड़ीसा और इसके आसपास स्थित है. एक द्रोणिका उत्तर-पश्चिम राजस्थान से उत्तर अंदरूनी उड़ीसा तक, उत्तर मध्य प्रदेश, उत्तर छत्तीसगढ़ होते हुए 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है.

उपरोक्त मौसमी तंत्र को देखते हुए 14 जून को प्रदेश के उत्तरी भाग के अधिकांश स्थान मध्य भाग के कुछ स्थान तथा दक्षिण भाग के अनेक स्थान पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. जबकि उत्तर छत्तीसगढ़ के एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है.

दक्षिण पश्चिम मानसून और आगे बढ़ते हुए मध्य महाराष्ट्र के कुछ और भाग मराठवाड़ा के अधिकांश भाग और विरार छत्तीसगढ़ के कुछ और भाग उड़ीसा के शेष हिस्से पश्चिम बंगाल झारखंड के अधिकांश भाग और बिहार के कुछ भाग तक पहुंच गया है. इसकी उत्तरी सीमा हरनोई, अहमदनगर, औरंगाबाद, गोंदिया, चांपा, रांची और भागलपुर तक है.

बस्तर के रास्ते मानसून ने छत्तीसगढ़ में एंट्री ली थी. मानसून ने गुरुवार को सुकमा और बीजापुर जिले के कुछ भागों में दस्तक दी थी. इससे पहले गुरुवार को भी प्री मानसून के कारण जगदलपुर में काफी देर तक बारिश होती रही. मौसम का इस तरह बदला बदला मिजाज जगदलपुर समेत आसपास के इलाकों में बुधवार से ही दिखाई दे रहा था. मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि दक्षिण छत्तीसगढ़ यानि बस्तर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है.

मानसून के प्रदेश में सक्रिय होने के कारण माना जा रहा है कि किसानों की चिंता दूर होगी. दरअसल, किसानों ने धान की रोपाई की तैयारी शुरू कर दी है. उसके बाद अपने खेतों में ये किसान पानी भरने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन मानसून आने के बाद किसानों की चिंता कम होती दिख रही है.

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