आखिर रंग लाया अन्ना हजारे का अनशन, शुरू हुई लोकपाल की तलाश

 
नई दिल्ली 

संसद में लोकपाल बिल के पास होने के सालों बाद भी अब तक देश को लोकपाल नहीं मिल सका है। हाल ही में समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर से लोकपाल की नियुक्ति को लेकर अनशन किया और उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मना लिया। फडणवीस की ओर से अन्ना को आश्वासन दिया गया कि जल्द ही लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति की जाएगी। अब लोकपाल की तलाश भी शुरू कर दी गई है। 
 
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का वर्तमान या सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के कोई वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश या भ्रष्टाचार विरोधी नीति, लोक प्रशासन, सतर्कता, वित्त और कानून और प्रबंधन में कम से कम 25 सालों का निष्कलंक रेकॉर्ड रखनेवाला कोई भी व्यक्ति लोकपाल के पद पर बैठने योग्य है। 

जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई बनीं चयन समिति की अध्यक्ष 
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले लोकपाल के पद के लिए उम्मीदवार की तलाश आखिरकार शुरू हो गई है, जो काफी सालों से लंबित था। चयन समिति की अध्यक्ष न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई को बनाया गया है। लोकपाल के न्यायिक सदस्य बनने के लिए आवेदक को या सुप्रीम कोर्ट का वर्तमान या पूर्व प्रधान न्यायाधीश या किसी भी हाई कोर्ट का वर्तमान या पूर्व मुख्य न्यायाधीश होना चाहिए। वहीं, गैर-न्यायिक सदस्यों में भ्रष्टाचार रोधी संबंधित क्षेत्र का 25 सालों का अनुभव रखने वाला कोई भी व्यक्ति हो सकता है। यह पात्रता लोकपाल अधिनियम के मुताबिक निर्धारित की गई है। 

चेयरमैन पद का आवेदक कोई निर्वाचित प्रतिनिधि या कोई भी व्यवसाय करने वाला या किसी भी क्षेत्र का पेशेवर नहीं हो सकता है। इसके अलावा उम्मीदवार किसी ट्रस्ट या लाभ के पद पर भी नहीं होना चाहिए। अध्यक्ष का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा और वेतन भारत के चीफ जस्टिस के बराबर होगा। अध्यक्ष बनने के बाद, उस व्यक्ति को सरकार से किसी भी प्रकार का पद (राजनयिक पद समेत) प्राप्त करने की अनुमति नहीं होगी और न ही वह सरकार में किसी लाभ के पद पर नियुक्त हो सकेगा। इसके अलावा अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद पांच साल तक संसद या राज्य विधानसभाओं के चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी। इस पद के लिए न्यूनतम आयु मानदंड 45 वर्ष है। 

जनवरी में हुई थी चयन समिति की बैठक 
भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोकपाल नियुक्ति में देरी के विरोध में आंदोलन का एक और दौर शुरू किया था, जिसके बाद लोकपाल के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। उन्होंने अपना आंदोलन इस वादे के बाद समाप्त किया कि जल्द ही लोकपाल का गठन किया जाएगा। इस पद के लिए काफी आलोचनाओं के बीच लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। नौ सदस्यीय लोकपाल चयन समिति की पहली बैठक इसके गठन के लगभग चार महीने बाद जनवरी में हुई थी। समिति में भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य, प्रसार भारती के अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख ए.एस. किरण कुमार सदस्य के रूप में शामिल हैं। 

नियमों के मुताबिक, लोकपाल कमिटी में एक अध्यक्ष के अलावा आठ सदस्यों का प्रावधान है। इनमें से चार न्यायिक सदस्य होने चाहिए। जारी किए गए विज्ञापन में कहा गया है कि लोकपाल में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय और महिलाओं की संख्या 50 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए। चयन के बाद अध्यक्ष और सदस्य पांच साल अथवा 70 वर्ष की आयु पूरी करने तक पद पर बने रह सकते हैं। आवदेन करने की अंतिम तिथि 22 फरवरी है। विज्ञापन बीते महीने के अंतिम दिनों में आठ सदस्यों वाली लोकपाल चयन समिति की बैठक के बाद जारी किया गया है।
 

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