आंध्र प्रदेश: लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ, किस करवट बैठेगा ऊंट?

अमरावती
आंध्र प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। इसी के साथ राज्य की तीनों बड़ी पार्टियां चुनावी प्रचार अभियान में जोर-शोर से लग गई हैं। तेलुगु देशम पार्टी को उम्मीद है कि उनकी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का फायदा पार्टी को जरूर मिलेगा। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस सरकार के खिलाफ माहौल का फायदा लेकर पहली बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है।

इनके अलावा अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण की जन सेना पार्टी (जेएसपी) भी अहम भूमिका में है। जेएसपी ने सीपीआई, सीपीएम और बीएसपी के साथ सीटों का समझौता किया है। राज्य में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। बीजेपी ने आंध्र को विशेष राज्य का स्टेटस देने और आंध्र प्रदेश स्टेट रीऑर्गनाइजेशन ऐक्ट संबंधी वादे किए थे। उन वादों को पूरा नहीं कर पाने के बाद अब यहां पार्टी अपना आधार बचाने की कोशिश में है। बीजेपी सभी 25 लोकसभा सीटों और 175 विधानसभा सीटों के लिए मैदान में है।

2014 में कांग्रेस का नहीं खुला था खाता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और दूसरे केंद्रीय मंत्री राज्य में सभाएं करेंगे औक टीडीपी सरकार की खामियों पर हमले करेंगे। दूसरी ओर कांग्रेस भी राज्य में कुछ सीटें हासिल करने के की कवायद में जुटी है। इससे पहले साल 2014 के चुनाव में टीडीपी ने 102 विधानसभा और 15 लोकसभा सीटें, बीजेपी ने 6 विधानसभा और 2 लोकसभा और वाईएसआरसीपी ने 67 विधानसभा और 8 लोकसभा सीटें जीती थीं। कांग्रेस को दोनों में ही कोई सीट हासिल नहीं हुई थी।

बीजेपी, टीआरएस, वाईएसआरसीपी के खिलाफ एकसाथ मोर्चा
टीडीपी और जेएसपी बीजेपी के खिलाफ राज्य से किए गए वादों को पूरा नहीं करने, टीआरएस अध्यक्ष केसी राव के खिलाफ आंध्र विरोधी प्रॉजेक्ट्स लागू करने और वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी-टीआरएस से मिलीभगत करने को लेकर हमलावर हैं। टीडीपी अपने पक्ष में कल्याण योजनाओं, विकास कार्यों और अंतरराष्ट्रीय निवेश को इस्तेमाल करने की कोशिश करेगी।

वाईएसआरसीपी को कन्फ्यूजन में नुकसान का डर
वहीं, केए पॉल की प्रजा शांति पार्टी कई सीटों पर वाईएसआर कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है। दरअसल, पीएसपी को हेलिकॉप्टर का चुनाव चिह्न दिया गया है, जो वाईएसआरसीपी के मुताबिक उनके चुनाव चिह्न 'पंखे' से मेल खाता है। ऐसे में उन्हें डर है कि कन्फ्यूजन के कारण उन्हें नुकसान हो सकता है। यहां तक कि पीएसपी ने 35 विधानसभा और 4 लोकसभा सीटों पर जिन प्रत्याशियों को उतारा है, उनके नाम भी कथित तौर पर वाईएसआरसीपी के प्रत्याशियों के नाम से मिलते-जुलते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *