आंखों में मिर्च, 18 किमी ट्रेन चलाता रहा ड्राइवर

मुंबई 
मध्य रेलवे के ट्रेन ड्राइवर लक्ष्मण सिंह की जमकर तारीफ हो रही है। 48 वर्षीय लक्ष्मण सिंह ने अपनी आंखों में मिर्च पाउडर पड़ने के बावजूद 18 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चलाना जारी रखा। उसे खुद से ज्यादा ट्रेन में सवार 2,000 यात्रियों की चिंता थी जो उनकी ट्रेन में सफर कर रहे थे। उन्होंने पांच स्टेशनों पर ट्रेन रोकी, लेकिन किसी दूसरे ड्राइवर के आने का इंतजार नहीं किया क्योंकि इससे ट्रेन को पहुंचने में देरी हो सकती थी। उनकी ट्रेन कल्याण पहुंची तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया। 

लक्ष्मण सिंह साल 2005 से ट्रेन चला रहे हैं। शनिवार दोपहर वह सीएसटी-तितवाला ट्रेन का संचालन कर रहे थे। वह कलवा स्टेशन से कुछ दूर बढ़े थे। दोपहर के 3.35 बजे होंगे, तभी कुछ बदमाशों ने ट्रेन पर मिर्च पाउडर फेंक दिया। लक्ष्मण सिंह के पास ट्रेन को रोकने के लिए आपातकालीन ब्रेक लगाने या स्टीयरिंग हैंडल को पूरी तरह से छोड़ने का विकल्प था, लेकिन उन्होंने दर्द को सहन करने का फैसला किया। ट्रेन 95 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी और अगला स्टेशन (मुंब्रा) चार किलोमीटर दूर था। ऐसे में वह यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कोई चूक नहीं करना चाहते थे। 

'अगर दूसरे ड्राइवर का इंतजार करता तो ट्रेन और लेट होती' 
मुंब्रा पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि तुरंत कोई दूसरा ड्राइवर उपलब्ध नहीं हो पाएगा। उन्होंने अपनी आंखें पानी से धोईं और फिर तीन किलोमीटर दूर अगले स्टेशन दिवा के लिए ट्रेन बढ़ा दी। यहां वह दूसरे ड्राइवर का इंतजार कर सकते थे, लेकिन वह नहीं चाहते थे कि उनकी वजह से ट्रेन लेट हो। इसी तरह उन्होंने कोपर, डोंबिवली, ठाकुर्ली स्टेशन से भी ट्रेन निकाली। इस दौरान वह हर स्टेशन पर रुककर बस अपनी आंखें पानी से धोकर ट्रेन चलाने लगते। इस दौरान उनकी आंखों में तेज दर्द हो रहा था, लेकिन वह लगातार 18 किमी की रफ्तार से ट्रेन चलाते रहे। 

वह शाम को 4 बजकर 12 मिनट पर कल्याण पहुंचे। यहां उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'पश्चिमी लाइन पर पहले से ही बहुत समस्या थी, जहां पुलवामा आतंकी हमले का विरोध करने वालों ने नालासोपारा में ट्रेनें रोक दी थीं। वह केंद्रीय लाइन पर यात्रियों को देरी नहीं करना चाहते थे। अगर मैं दूसरे ड्राइवर का इंतजार करता तो ट्रेन 30 मिनट और लेट होती।' 

वरिष्ठ अधिकारियों ने की जमकर सराहना 
मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक, मुंबई डिविजन, संजय जैन ने कहा, 'लक्ष्मण सिंह की कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता अनुकरणीय है। मुंब्रा पहुंचते ही वरिष्ठ अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की और कल्याण तक एक डेप्युटी स्टेशन अधीक्षक ने उनके साथ यात्रा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह ट्रेन चला सकते हैं, इसलिए उन्हें निगरानी में ऐसा करने की अनुमति दी गई थी। यह हमारे यात्रियों और उनकी सुरक्षा के लिए मध्य रेलवे की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है।' 

लक्ष्मण सिंह का इलाज करने वाले कल्याण रेलवे अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि वह बहुत खुशकिस्मत हैं कि उनकी आंखों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। सोमवार को उनकी जांच करने के बाद उन्हें फिर से काम पर लौटने की अनुमति दे दी जाएगी। वह अब पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। 

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