अस्पतालों के चादर पर लिखा होगा दिन का नाम

भोपाल 
भोपाल के जेपी अस्पताल के अलावा हरदा, मुरैना व जबलपुर के जिला अस्पताल में करीब तीन महीने पहले रोज अलग रंग व दिन का नाम लिखीं चादरें बिछाई जा रही थीं। जो दिन होता था उसी दिन के नाम वाली चादर बिछाई जा रही थी। 

सरकारी अस्पतालों में आमतौर पर सफेद चादरें बिछार्इं जातीं हैं ये रंग जल्दी गंदा होता है,इसलिए सरकार ने पिछले साल चार सरकारी अस्पतालों में सोमवार को गहरा पीला,मंगलवार को जामुनी,बुधवार को हल्का कत्थई,गुरूवार को पीला,शुक्रवार को गुलाबी,शनिवार को ग्रे,रविवार को हरे रंग की पट्टियों वालीं चादरें बिछाना शुरू किया गया था कुछ दिन बाद जब नेशनल हेल्थ मिशन के अधिकारियों ने अस्पतालों से जानकारी ली तो पता चला कि रंगीन पट्टी का रंग उड़ रहा है। 

इसके बाद इन चादरों को वापस ले लिया गया है। इनमें अब रंगीन पट्टी की जगह कढ़ाई की जा रही है, जिससे रंग नहीं उड़े। चादरों की कढ़ाई का काम लगभग पूरा हो गया है। हफ्ते भर के भीतर चारों जिला अस्पतालों में फिर से अलग रंग व दिन वाली पट्टी की चादरें बिछने लगेंगी। बता दें कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में इस तरह की चादरें बिछाई जानी हैं। एक चादर करीब 350 रुपए में खरीदा जा रहा है। 

प्रदेश के चार सरकारी अस्पतालों में रोजाना अलग रंग की पट्टी व दिन का नाम लिखे चादर वापस बुला लिए गए हैं। इन चादरों की रंगीन पट्टी से रंग उड़ रहा था, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला लिया है। अब इन चादरों की रंगीन पट्टी की जगह कढ़ाई की जाएगी। इसके बाद चादरों की सप्लाई शुरू होगी। हफ्ते भर के भीतर नई चादरें आ जाएंगी। 

अस्पतालों में मरीजों की चादरें कई दिन तक बदली नहीं जाती । इससे मरीजों को संक्रमण का खतरा रहता है। बानगी के तौर पर जेपी अस्पताल में तीन दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री तुलसी राम सिलावट ने निरीक्षण किया तो इस तरह के हालात मिले। एक महिला की चादर तीन दिन से नहीं बदली गई थी। चादर में सिर के पास ब्लड लगा था। उसी चादर में महिला की नवजात बच्ची भी लेटी थी।

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