अस्थमा में फायदेमंद हैं ये 4 योगासन, जानें कैसे करें और किन बातों का ध्यान रखें

अस्थमा के मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। खासकर भारत में इन मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। अगर सही समय पर अस्थमा का इलाज न किया जाए तो यह अटैक का रूप ले सकता है और कई स्थितियों में जानलेवा भी साबित हो सकता है। अस्थमा के लिए वैसे तो डॉक्टरी इलाज उपलब्ध है, लेकिन कुछ एक्सर्साइज और योग के जरिए अस्थमा में काफी फायदा मिलता है।

यहां हम आपको कुछ योगासन बताएंगे, जो अस्थमा के मरीजों को करने चाहिए। हालांकि इससे पहले एक बात ध्यान रखें कि कोई भी योगासन करने से पहले अपने डॉक्टर से उचित सलाह ले लें और तभी इसकी शुरुआत करें।

श्वासन
अस्थमा के मरीजों के लिए श्वासन को सबसे कारगर आसन माना जाता है। यह आसन न सिर्फ चिंता और मानसिक तनाव को दूर करता है बल्कि दिमाग को शांत भी रखता है।

कैसे करें: इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक चटाई पर सीधे लेट जाएं। अपने पैरों और बाजुओं को सीधा रखें। टांगों के बीच में थोड़ा गैप रखें। बॉडी को ढीला छोड़ दें और पूरा ध्यान सांस लेने पर लगाएं। इस अवस्था में कम से कम 10 मिनट तक रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए नॉर्मल अवस्था में आ जाएं।

सुकासन
श्वासन की तरह की सुकासन भी अस्थमा के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। चूंकि इसमें पूरा ध्यान सांस लेने और छोड़ने पर केंद्रित होता है इसलिए यह अस्थमा के ट्रीटमेंट में कारगर है और फेफड़ों को भी स्वस्थ रखता है।

कैसे करें: पैर मोड़कर यानी पलौथी मारकर सीधी अवस्था में बैठ जाएं। अब अपने दाहिने हाथ को अपने दिल पर रखें और बाएं हाथ को पेट पर रखें। आंखें बंद कर लें और पेट को अंदर की तरफ खींचें और छाती को थोड़ा लिफ्ट करें। अब सांस को धीरे-धीरे बाहर की तरफ छोड़ें। कम से कम 5-6 मिनट के लिए इस अवस्था में ही रहें और फिर से रिपीट करें।

धनुरासन और उसके करने का तरीका
इस अवस्था में खुद को एक धनुष की अवस्था में मोड़ लें। यानी पहले पेट के बल लेट जाएं और फिर अपने टागों को उलटी दिशा में मोड़कर हाथों से पकड़ लें और छाती के ऊपर के हिस्से को ऊंचा उठा लें। इस अवस्था में कुछ देर तक रहें और फिर नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं। हालांकि इस दौरान लगातार सांस लेते और छोड़ते रहें। अस्थमा के रोगियों के लिए इस योगासन को भी काफी कारगर माना गया है।

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