अस्थमा के मरीजों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

अस्थमा के रोगियों की संख्या भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है। अमेरिका में अस्थमा 65 या इससे अधिक वर्ष की आयु में करीब 4 से 13 फीसदी लोगों को प्रभावित करता है। आंकड़ों के अनुसार, 2050 तक अस्थमा रोगियों की संख्या तीन गुना अधिक हो सकती है। अस्थमा में मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।

लेकिन कुछ फूड आइटम्स ऐसे हैं, जिन्हें अगर डायट में शामिल कर लिया जाए तो अस्थमा से निजात पायी जा सकती है।

अलसी के बीज
इनमें ओमेगा 3 फैटी ऐसिड्स और मैग्निशियम होता है, जो bronchi के आसपास की मसल्स को रिलैक्स करने में मदद करते हैं और सांस लेने व छोड़ने वाले रास्तों को क्लियर रखते हैं।

पालक
अस्थमा के मरीजों में पोटेशियम और मैग्निशियम की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से अस्थमा अटैक होने के चांस अधिक बढ़ जाते हैं। पालक में पोटेशियम और मैग्निशयम के अलावा फाइबर, विटमिन ए और अन्य मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि पालक को डेली डायट में शामिल करने से अस्थमा को कम करने में काफी मदद मिलती है।

लहसुन
यह फेफड़ों में किसी भी तरह की रुकावट को दूर कर देता है और एयरवेज़ को भी ओपन रखने में भी मदद करता है। इसके लिए 3-4 लहसुन की कली को एक गिलास पानी में उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो उसे पी लें।

अदरक
डॉक्टरों का मानना है कि अदरक बेनाड्रिल दवाई की तरह ही काम करता है। यह फेफड़ों में सूजन को दूर करता है और ऑक्सीजन के प्रवाह को सुगम बनाता है। इसके लिए अदरक को पीसकर गरम पानी में मिला लें। थोड़ा सा शहद मिलाएं और पी लें।

केला
केले में प्रचुर मात्रा में पोटेशियम होता है और यह फ्री रैडिकल्स को पनपने से रोकता है। इसके अलावा यह कैंसर की रोकथाम में तो मदद करता ही है, साथ ही ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद करता है।

ऐवकाडो
इस फ्रूट को सभी ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स का गुरू कहा जाता है। इसमें ग्लूटाथिओन नाम का एक ऐंटी-ऑक्सिडेंट होता है, जो प्रदूषक और विषैले तत्वों से बॉडी को प्रटेक्ट करते हैं। इन तत्वों को रेस्परेटरी सिस्टम के लिए हानिकारक माना जाता है।

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