अयोध्या में एक प्रवेश द्वार नहीं हटवा सके चार डीएम 

 अयोध्या।
 
सावन झूला मेला तीन अगस्त से मणि पर्वत के झूलनोत्सव के साथ प्रारम्भ होगा। इसके पहले 17 जुलाई से सावन मास का शुभारम्भ होगा। इस सावन मास में भगवान शिव के भक्तों और कांवरिया श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो जाएगा। लाखों की संख्या यहां मास पर्यन्त आने वाले कांवरियों के साथ झूला मेला के अवसर पर भी देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं का आवागमन होगा। इस मेला की तैयारी जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। इसी कड़ी में मेला क्षेत्र को कैजुवलिटी फ्री रखने के उद्देश्य से जिलाधिकारी अनुज झा ने प्रमुख सचिव पर्यटन को पत्र भेजा है। 

जिलाधिकारी की ओर से भेजे गए पत्र में बंधा तिराहा नयाघाट पर निर्मित प्रवेश द्वार को जनहित में हटवाने के लिए अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया गया है। पत्र में कहा गया कि इसके कारण से रास्ता संकरा हो गया है जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है और श्रद्धालुओं का सुचारु रूप से पैदल आवागमन भी बाधित होता है। जिलाधिकारी ने अपने पत्र के साथ लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता की अध्यक्षता में गठित तकनीकी समिति की रिपोर्ट को भी संलग्न किया है। मालूम हो कि वर्ष 2013-14 में इस प्रवेश द्वार का निर्माण पर्यटन विभाग की ओर से कराया गया था।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस प्रवेश द्वार को लेकर बिना जांच पड़ताल के  छह मीटर का आगणन भेज दिया गया जो कि स्वीकृत भी हो गया लेकिन प्रशासनिक आपत्ति के बाद प्रवेश द्वार की चौड़ाई नौ मीटर की गई। इसके कारण प्रवेश द्वार की लागत बढ़ गई। इसके चलते कार्यदाई राजकीय निर्माण निगम लि. ने पूरक बजट का प्रस्ताव भेजा था लेकिन इस बजट को स्वीकृति नहीं मिली। इसके चलते प्रवेश द्वार के स्ट्रक्चर को तैयार कर दिया गया लेकिन न तो प्रवेश द्वार के छत का निर्माण कराया गया और न ही प्रवेश द्वार के स्तम्भ का प्लास्टर व रंग-रोगन ही हो सका। आधे-अधूरे इस प्रवेश द्वार के कारण मार्ग भी संकरा हो गया।

वर्ष 2016 के चैत्र रामनवमी मेला के दौरान भगदड़ के कारण एक महिला श्रद्धालु की मृत्यु हो गई। वहीं एक पुलिस अधिकारी समेत कुछ अन्य श्रद्धालु भी चोटहित हो गए थे। इसके बाद से प्रत्येक मेला के दौरान प्रवेश द्वार को हटवाने की कवायद जारी रही। खास बात यह है कि प्रवेश द्वार को हटवाने का प्रयास सबसे पहले तत्कालीन जिलाधिकारी किंजल सिंह ने किया। इसके बाद से उनके स्थानापन्न आईएएस विवेक, संतोष कुमार राय व डॉ. अनिल कुमार पाठक ने भी प्रवेश द्वार को हटवाने का प्रयास किया। इस प्रयास के तहत सभी अधिकारियों ने शासन को पत्र भेजा लेकिन अभी तक शासन से उचित मार्गदर्शन जिला प्रशासन को नहीं मिल पा रहा है। यही कारण एक बार फिर से जिला प्रशासन ने प्रयास आरम्भ किया है। 

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