अमरनाथ यात्रा, निजी वाहनों पर प्रतिबंध को लेकर विवाद

जम्‍मू
केंद्र सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन के उस फैसले का समर्थन किया है जिसके तहत अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर काजीगुंड और नशरी के बीच 46 दिन के लिए निजी वाहनों के चलने पर रोक लगा दी गई है। लगभग 97 किलोमीटर लंबा यह मार्ग जम्‍मू को श्रीनगर से जोड़ता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि ऐसा स्‍थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों के हित में किया जा रहा है।

कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा सोमवार से शुरू हो गई है। सोमवार को लगभग 8 हजार लोगों ने पवित्र गुफा के दर्शन किए। इससे पहले जम्‍मू-कश्‍मीर ट्रैफिक पुलिस ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि यात्रा के दौरान हाइवे के इस हिस्‍से पर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक केवल वही वाहन चल सकेंगे जो तीर्थयात्रियों को ले जा रहे हों।

गुलाम नबी आजाद ने उठाया मुद्दा
इस मुद्दे को राज्‍य सभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने यह कहते हुए उठाया था कि, 'यह विश्‍वास बहाल करने वाला कदम नहीं बल्कि अलग-थलग करने वाला कदम है।' आजाद का तर्क था कि इस प्रतिबंध से उन लाखों स्‍थानीय लोगों पर असर पड़ेगा जो लाखों अमरनाथ यात्रियों को लाते और ले जाते थे।

इस तर्क को दरकिनार करते हुए अमित शाह ने कहा, 'पूर्व में इस तरह की बंदिश 12 वर्षों तक रही है। बाद में पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्‍मद सईद ने मुख्‍यमंत्री बनने के बाद इस प्रतिबंध को हटा लिया था। अब सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए फिर से ये प्रतिबंध लगाया गया है। इस फैसले से पीछे नहीं हटा जाएगा।'

शाह ने कहा कि यह फैसला तीर्थयात्रियों और स्‍थानीय लोगों की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्‍योंकि यह उन्‍हीं की सुरक्षा के लिए हैं।

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