पीएम बनने के बाद मालदीव जाएंगे मोदी, संसद को भी करेंगे संबोधित

नई दिल्ली

नरेंद्र मोदी जल्द ही मालदीव की संसद को संबोधित करने वाले हैं. मोदी शपथग्रहण करने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर मालदीव जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 7 और 8 जून को नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा प्रस्तावित है. मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने ट्वीट कर बताया कि मालदीव की संसद ने पीएम नरेंद्र मोदी को संसद को संबोधित करने का न्यौता दिया है. अब्दुल्ला शाहिद ने ट्वीट किया, "मालदीव की संसद ने एकमत से प्रस्ताव पारित किया है और पीएम नरेंद्र मोदी को मालदीव की संसद को संबोधित करने का न्यौता दिया है." माना जा रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संबोधन के दौरान 'नेबर फर्स्ट यानी पड़ोसी पहले' की नीति को रेखांकित करेंगे.

मालदीव को तरजीह क्यों

हिन्द महासागर में स्थित मालदीव भारत का अहम रणनीतिक साझेदार है. पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के दौरे पर गए थे. नवंबर में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद सालेह ने अब्दुल्ला यामीन को चुनाव में शिकस्त दी थी. इसके बाद दिसंबर में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद सालेह भारत के दौरे पर आए थे. मालदीव के साथ भारत के संबंधों में खटास तब आ गई थी जब पिछले साल फरवरी में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी. इसी के साथ अब्दुल्ला यामीन प्रशासन ने भारत के समर्थक के रूप में काम कर रहे मालदीव के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया. तब भारत ने इस फैसले की आलोचना की थी.

भारतीय कंपनी को दिया ठेका कर दिया था रद्द

मालदीव में भारत का बड़ा व्यापारिक हित है. लेकिन चीन के प्रभाव में पिछले कुछ वर्षों में मालदीव में भारतीय हितों को नुकसान पहुंचा है. बता दें कि मालदीव ने 2012 में अपने यहां एयरपोर्ट डेवलेप करने का ठेका भारत की जीएमआर कंपनी से छीन कर चीनी कंपनी को दे दिया था. मालदीव में दोस्ताना सरकार के गठन के बाद भारत अब इतिहास की इन गलतियों को सुधार कर इस देश में निवेश के दरवाजे खोलना चाहता है.

चीन के चंगुल में जा रहे हैं भारत के पड़ोसी

मालदीव, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान जैसे देश भारत के साथ दोस्ती के सहज भागीदार थे, लेकिन इन इलाकों में चीन की बढ़ते दखल ने भू-राजनैतिक समीकरण बदल दिया है. भारत के इन पड़ोसी देशों में चीन खूब निवेश कर रहा है और सत्ता का संतुलन अपने पक्ष में कर रहा है. निश्चित रूप से भारत के लिए ये चिंता का विषय है. इसलिए भारत इन देशों के साथ अपने रिश्ते ठीक करने में लगा है. पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. 2014 में पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी अपनी पहली विदेश यात्रा पर भूटान गए थे. बता दें कि मालदीव की संसद से पहले अपने पहले कार्यकाल में पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान की संसद को संबोधित कर चुके हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *