अब लोकसभा चुनाव में ‘जयस’ ने ठोकी ताल, इन सीटों पर उतारेगा अपने उम्मीदवार!

भोपाल
विधानसभा में राजनैतिक दलों की मुश्किलें बढ़ाने के बाद जयस ने लोकसभा के चुनावी दंगल में उतरने की तैयारी शुरु कर दी है।इसी के चलते आज कुक्षी में जयस महापंचायत आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन करने जा रहा है।इसमें महापंचायत में जयस आगे की रणनीति तैयार करेगा।इससे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान जयस ने महापंचायत बुलाई थी, जिसमें हजारों की तादाद में आदिवासी वर्ग पहुंचा था। वही फिल्म अभिनेता गोविंदा भी जयस के समर्थन में वोट मांगने पहुंचे थे। ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव में जयस अपने उम्मीदवार खड़े करती है तो भाजपा-कांग्रेस के संकट पैदा होना तय है।

दरअसल, जयस के नेतृत्व में 5 फरवरी को नई कृषि उपज मंडी कुक्षी में जयस महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इसमें आगामी लोकसभा चुनावों में जयस की भूमिका पर भी चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।अक्टूबर 2018 में कुक्षी में हुई महा पंचायत में 50 हजार से ज्यादा युवा शामिल हुए थे। इस बार ये आंकड़ा उससे ज़्यादा होने का दावा किया जा रहा है। इसमें एमपी सहित महाराष्ट्र, झारखंड और गुजरात के युवा आदिवासी शामिल होंगे और सब मिलकर लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाएंगे। जयस, लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भी समर्थन दे सकता है।बता दे कि कमलनाथ सरकार में मंत्री पद ना मिलने की वजह से अलावा नजर चल रहे है इसी के चलते लोकसभा चुनाव में फिर ताल ठोक रहे है। 

जयस के राष्ट्रीय संरक्षक एवं मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने एक बार फिर बडा ऐलान करते हुए कहा है कि जयस के लिए सभी राजनीतिक दलों के लिए दरवाजे खुले है। जो भी दल जयस के युवाओं को टिकट देगा जयस उसी के साथ खड़ा रहेगा। इस महापंचायत में लोकसभा चुनाव में जयस की क्या रणनीति रहेगी। 

जयस अपनी क्या भूमिका निभाएगा यह भी तय होगा।अलावा ने कहा कि  विधानसभा चुनाव में जयस के सहयोग से कांग्रेस ने मप्र में अपनी सरकार बनाई है किंतु सरकार बनते ही कांग्रेस अपने वादे से मुकरते हुए अभी तक जयस को मंत्रिमंडल में प्रभावशाली स्थान नहीं दिया। इस आयोजन के माध्यम से हम भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों से मांग करेंगे की वह लोकसभा चुनाव में छह सीट पर जयस के युवाओं को टिकट दे।  मांग नहीं मानी तो हम लोकसभा की 6 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को उतारेंगे। 

मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय और किसानों के मुद्दों को लेकर जयस 2013 से लगातार अंदोलन कर रही है। राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी 21 प्रतिशत से अधिक है। जयस का मध्य प्रदेश में सबसे मजबूत आधार मालवा और निमाड़ के कुछ जिलों में है। इनमें रतलाम, झबुआ, धार, खंडवा, बड़वानी और खरगोन क्षेत्र शामिल हैं। इन्हीं क्षेत्रों में डॉ. हीरालाल अलावा जयस के उम्मीदवार को मैदान में उतार सकते है।हालांकि अभी उन्होंने स्पष्ट नही किया है।

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