अब रिश्वत देना भी होगा अपराध, भ्रष्टाचार मुक्त बनेगा प्रदेश

भोपाल
राज्य की नई कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए नया कानून बनाने जा रही है। इसमें भ्रष्टाचार और रिश्वत लेना तथा देना गंभीर अपराध होगा और इसे गैर जमानती बनाया जाएगा।

भ्रष्टाचार के मामलों के निराकरण के लिए राज्य सरकार विशेष न्यायालयों का गठन करेगी। भ्रष्टाचार में लिप्त और रिश्वत लेते पकड़े गए शासकीय सेवकों के विरुद्ध तीस दिन के भीतर चालान पेश होगा। अपात्रों को पात्र बताकर लाभ देना भ्रष्टाचार की श्रेणी में आएगा। इसी तरह अनावश्यक आधार बताकर आम नागरिकों के प्रकरणों का निपटारा नहीं करने और समय पर आदेश पारित नहीं करने और लोगों को सालों तक परेशान करने वाले अफसरों पर इस कानून के तहत नकेल कसी जाएगी। जानकारी ना देना भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में आएगा।

भ्रष्टाचारन मुक्त प्रशासनिक व्यवस्था के तहत कार्यपालिक स्तर केअधिकार एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एक स्थान पर किसी भी हालत में तीन साल अधिक नहीं रखा जाएगा। मंत्रालय और सचिवालय में महत्वपूर्ण पदों पर एक विभाग में तीन वर्ष से अधिक अधिकारियों को नहीं रखा जाएगा। नवनियुक्त लोकसेवक और मनोनीत लोक प्रतिनिधि जैसे ही अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे उनको अपने और परिवार की चल-अचल सम्पत्ति तथा अपने आय के स्रोत की जानकारी शपथ पत्र पर देना होगा। इसी को आधार बनाकर भविष्य में उनके द्वारा अर्जित की गई सम्पत्ति काय से अधिक पाए जाने पर राजसात करने की कार्यवाही की जाएगी।

खास तौर पर चहेतों को उपकृत करने के लिए अपात्र होंने पर भी योजनाओं का लाभ देना, पिछले दरवाजे से भर्ती करना भ्रष्टाचार की श्रेणी में आएगा। राजस्व न्यायालयों और अन्य सरकारी महकमों में आमजनता के काम में जानबूझकर देरी करना और लोगों को जानकारी नहीं देना भ्रष्टाचार की श्रेणी में आएगा।

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