अपनी जिंदगी की भीख मांगते रहे लेकिन उन्हें नहीं बख्शा आतंकियों ने

श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर में आतंकी आम लोगों में दहशत फैलाने के लिए बाहरियों को निशाना बना रहे हैं। पिछले 72 घंटे में तीन हत्याएं की जा चुकी हैं। इसकी वजह से अन्य राज्यों से जम्मू-कश्मीर जाने वाले लोगों में दहशत बढ़ने लगी है। लोगों के मन सवाल उठ रहा है कि आखिर घाटी जाना कितना सुरक्षित है। जम्मू-कश्मीर में सोमवार रात दो आतंकियों ने भरतपुर के रहने वाले ट्रक ड्राइवर शरीफ खान की हत्या कर दी थी। शरीफ के सहयोगी इकराम खान कहते हैं कि वह अपनी जिंदगी की भीख मांगते रहे लेकिन उन्हें नहीं बख्शा गया और आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी।

इकराम इस हत्याकांड के एकमात्र चश्मदीद हैं, क्योंकि वह शरीफ के साथ बतौर हेल्पर मौजूद थे। हमले के बारे में इकराम खान ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'देर रात हो चुकी थी और खाना खाने के बाद हम ट्रक में सोने गए थे। शरीफ फोन पर अपने परिवार से बात कर रहे थे, तभी दो आतंकी पहुंचे और उनके हाथ से फोन छीन लिया। शरीफ ने भागने की कोशिश की लेकिन एक आतंकी उनके पीछे दौड़ा और उन्हें पकड़ लिया। मैं भी ट्रक से कूदा और भागने लगा लेकिन मुझे भी आतंकी ने पकड़ लिया। उन्होंने हमें गाड़ी के अंदर फेंक दिया।'

'शरीफ की हत्या कर गाड़ी में लगाई आग'
बता दें कि शरीफ राजस्थान में भरतपुर के उभाका गांव के रहने वाले थे और इकराम हरियाणा के निवासी हैं। वे दोनों कश्मीर से सेब लाने के लिए गए थे। इकराम बताते हैं, 'आतंकियों ने हमसे पूछा कि हम कश्मीर से सेब क्यों ले जा रहे हैं? उन्होंने हमें ट्रक स्टार्ट कर रोड पर ले चलने को कहा। शरीफ इस दौरान उन्हें बताता रहा कि हम तो महज किसान हैं, हमारी इसमें कोई गलती नहीं है। उसने हमारी जान की भीख भी मांगी, लेकिन आतंकियों ने कहा कि अगर हम उनकी बात नहीं मानते हैं तो वे हमें गोली मार देंगे। जैसे ही मुझे मौका मिला मैं वहां से भाग निकला, लेकिन शरीफ ने गाड़ी स्टार्ट की और जैसा आतंकियों ने कहा वैसा किया। कुछ देर बाद गोली की आवाज सुनाई दी और जब मैं पीछे मुड़ा तो देखा कि शरीफ की हत्या की जा चुकी है और ट्रक में आग लगा दी गई है।' शरीफ खान के परिजनों ने मृतक को शहीद का दर्जा 50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार को पेंशन की देने मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *