लाल आतंक: कमजोर पड़े नक्‍सली, केंद्र ने निर्णायक कार्रवाई का दिया निर्देश

नई दिल्‍ली
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के नक्‍सल प्रभावित राज्‍यों में एक सीमित दायरे में सिमट चुके नक्‍सलियों पर अब अंतिम प्रहार के लिए सुरक्षा बलों को निर्देश दिया है। नक्‍सली पिछले पांच साल में अपने कम होते प्रभाव को देखते हुए एक खास स्‍थान तक सिमटकर रह गए हैं। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्‍यक्षता में मंगलवार को हुई एक समीक्षा बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि नक्‍सल प्रभावित इलाकों में सड़कों का जाल बिछाकर संपर्क को बढ़ाया जाएगा।

गौबा ने कहा कि सड़कें बनने से न केवल बीमार ग्रामीणों को अस्‍पताल पहुंचने में आसानी होगी बल्कि सुरक्षा बलों को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। समीक्षा बैठक में सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि लाल आतंक का दायरा कम हो गया है और नक्‍सली संकरे इलाकों में भाग रहे हैं। उनका सबसे ज्‍यादा प्रभाव छत्‍तीसगढ़-ओडिशा- महाराष्‍ट्र सीमा और छत्‍तीसगढ़-झारखंड-एमपी के ट्राइ जंक्‍शन पर है।

सुरक्षा बलों के आकलन के मुताबिक नक्‍सली अब नए ट्राइ जंक्‍शन केरल-कर्नाटक-तमिलनाडु की सीमा पर अपना अड्डा बना रहे हैं। पिछले सप्‍ताह केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले सप्‍ताह लोकसभा को सूचित किया था कि पिछले साल आठ राज्‍यों के 60 जिलों में नक्‍सली हिंसा की घटना हुई थी। इसमें दो-तिहाई हिंसा केवल 10 जिलों में हुई थी। गृह मंत्रालय के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि नक्‍सली अब दो तरह की रणनीति अपना रहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि नक्‍सली सीधे भिड़त की बजाय अब नए क्षेत्रों में जा रहे हैं और आईईडी विस्‍फोट कर रहे हैं। इसके अलावा माओवादियों को नए लड़ाके मिलने में काफी मुश्किल आ रही है। स्‍थानीय लोगों को अहसास हो गया है कि नक्‍सली विकास की गतिविधियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं जबकि नक्‍सलियों के नेता अपने बच्‍चों को बड़े शैक्षिक संस्‍थानों में भेज रहे हैं। इसके अलावा सुरक्षा बलों ने नक्‍सलियों के गढ़ में अपना प्रभाव बढ़ाया है, इससे उन्‍हें पैसा वसूलने में काफी मुश्किल हो रही है।

एक अधिकारी ने कहा, 'हम एक ऐसी स्थिति में आ गए हैं जहां नक्‍सलियों के प्रभाव वाले कुछ चुनिंदा इलाकों में निर्णायक कार्रवाई की जा सकती है। लोकसभा चुनाव के दौरान देश अन्‍य हिस्‍सों में भेजे गए सुरक्षाकर्मी वापस नक्‍सल प्रभावित इलाकों में तैनात कर दिए गए हैं। इस बैठक में उनके दोबारा तैनाती पर चर्चा हुई।' बताया जा रहा है कि बैठक में सुरक्षा बलों को उन इलाकों में आगे बढ़ने को कहा गया है जहां पर नक्‍सलियों का प्रभाव ज्‍यादा है।

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