अनूप मिश्रा का आॅडियो वायरल, अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों को हराने की बात कहते नजर आए

ग्वालिर
भाजपा के कद्दावर नेता एवं मुरैना से सांसद अनूप मिश्रा के एक कथित आॅडियो ने राजनीतिक वीथिकाओं में खलबली मचा दी है। यह आॅडियो गुरुवार को उनके जन्मदिन के मौके पर वायरल हुआ। खास बात ये है कि अनूप मिश्रा ने इस आॅडियो का न तो खंडन किया है न ही मंडन।  एक तरफ पार्टी को अपनी मां बताने वाले और पार्टी छोड़ने से इनकार करने वाले अनूप मिश्रा इस आॅडियो में कह रहे हैं- यह भाजपा है, जो लोगों को मुंडन संस्कार कर बजरबट्टू बनाती है।

वायरल आॅडियो में वे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित तमाम भाजपा प्रत्याशियों की मुखालिफत और उनके विरोध में काम करने की बात कह रहे हैं। इस बीच उनके जन्मदिन के मौके पर मुरैना से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास रावत उन्हें जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे, तो जवाब में अनूप मिश्रा ने उन्हें भी मिठाई खिलाते हुए न केवल जीत की बधाई दी बल्कि लगे हाथ कामाख्या देवी के दर्शन की सलाह भी दे दी। उधर पार्टी ने इस आॅडियो को गंभीरता से लिया है। संभव है कि इलेक्शन के बाद इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

आॅडियो वायरल होने के बाद सांसद अनूप मिश्रा ने कहा कि कौन सा आॅडियो वायरल हुआ है इसकी मुझे जानकारी नहीं है, मेरी तो कई आॅडियो-वीडियो हैं। उन्होंने कहा कि 30 साल से उनका सार्वजनिक जन्मदिन मनाते हुए आज 63 साल का हो गया हूं। मुझे अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, अजय सिंह, गोविंद सिंह, दिल्ली कांग्रेस के ललित जैन बधाई देते रहे हैं। रही बात रामनिवास की तो उन्होंने मुझे जन्मदिन की बधाई दी तो मैंने उन्हें जीत की बधाई दे दी। उन्होंने कहा कि एक बात साफ करना चाहता हूं मैं पार्टी छोड़कर नहीं जा रहा हूं। अपनों से कोई नाराज नहीं होता, पार्टी मेरी मां है। हां व्यक्ति से नाराजगी हो सकती है। मैं, इग्नोर पर्सन हूं, मुझे लोकसभा में चुनावी दायित्व से दूर रखा गया।

कुल 14 मिनट, 22 सेकंड के आॅडियो में मुरैना, ग्वालियर और भोपाल लोकसभा सीट की चर्चा हो रही है। सांसद मिश्रा से बात करने वाला व्यक्ति अजयपाल दावा कर रहा है कि साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से उसी ने टिकट दिलाया है। उसके पास पहले रामलाल फिर अमित शाह का फोन आया था। मुरैना सीट को लेकर सांसद मिश्रा उस व्यक्ति से कह रहे हैं कि कांग्रेस में तीन-तीन गुट अलग-अलग हैं और ये खुद ही नहीं चाहते कि कांग्रेस जीते, लेकिन हम पूरी ताकत भी लगा रहे कि कांग्रेस जीते मुरैना में। यहां (ग्वालियर) दिग्विजय सिंह के लोग लगे हैं तो आदरणीय ज्योतिरादित्य जी के लोग नहीं हैं, वहां (मुरैना) ज्योतिरादित्य जी के लोग लगे हैं तो दिग्विजय सिंह के लोग उस हिसाब से काम नहीं कर रहे हैं। यह झगड़ा लगभग कमोबेश है। सीट मिलनी चाहिए। मेरा यह कहना है, कांग्रेस को समझना होगा कि वह इस समय अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है, यह कौन समझाए इन नेताओं को। इसके बाद अजय ने भोपाल के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा- कांटे की टक्कर है। भोपाल में हो सकता है प्रज्ञा जीत जाए। पहले मैं भोपाल आया था तो अलग स्थिति थी, अब क्या है मुझे नहीं पता। मेरा और प्रज्ञा का कोई विरोध नहीं है। मैं वहां कुछ कर नहीं रहा हूं, पर टक्कर कांटे की है। चर्चा में वह यह भी कह रहे हैं कि उन्होंने बलवीर दंडोतिया को समझाया कि आप कांग्रेस का काम करो, ऐसे ही केएल अग्रवाल और हरी सिंह रघुवंशी भी काम कर रहे हैं। मैं सीधे ज्योतिरादित्य जी के संपर्क में नहीं हूं,पर अपने हिसाब से सपोर्ट कर रहा हूं। ऐसे में मैं यह नहीं देख रहा कि यह दिग्विजय जी का आदमी है या ज्योतिरादित्य जी का आदमी है। मेरा गुस्सा बीजेपी के खिलाफ है।
 

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