अनिल सौमित्र का सवाल- मेरा बीजेपी से निलंबन क्यों और आकाश पर कार्रवाई क्यों नहीं?

महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता कहने के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी के मीडिया संपर्क विभाग के पूर्व संयोजक अनिल सौमित्र ने अब बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अनिल सौमित्र के मुताबिक, निगम अफसर को क्रिकेट के बल्ले से पीटने वाले बीजेपी विधायक आकाश के व्यव्हार पर प्रधानमंत्री भी नाराज़गी जाहिर कर चुके हैं, इसलिए पार्टी को फौरन उन्‍हें कारण बताओ नोटिस देना चाहिए.

सौमित्र ने कहा आकाश की सफाई आने के बाद बीजेपी को उनके खिलाफ सुधारात्मक कार्रवाई भी करनी चाहिए. उन्होंने खेद जताया कि उन्हें सिर्फ एक फेसबुक पोस्ट की वजह से पार्टी ने फौरन निलंबित कर दिया. कारण बताओ नोटिस के जवाब का भी इंतजार नहीं किया.अनिल सौमित्र ने कहा, 'प्रधानमंत्री बड़े व्यक्तित्व हैं. बड़े विचार के नेता हैं. उन्होंने एक संदेश संगठन औऱ समाज को दिया है कि इस तरह का व्यव्हार जो भी करे तो पार्टी को फौरन संज्ञान में लेकर सुधारात्मक कार्रवाई करनी चाहिए. उनकी मंशा यही है कि पार्टी के कार्यकर्ता का चाल, चरित्र और चेहरा ठीक रहे. वह ठीक व्यव्हार करे, क्योंकि उनके व्‍यवहार से पार्टी की छवि बनती है.'

सौमित्र ने कहा महात्मा गांधी और गोडसे पर बयान के मामले में तीन बड़े नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था. तीनों ने अपना पक्ष रखा और मुझे लगता है कि पार्टी उनके पक्ष से संतुष्ट हुई, लेकिन मेरे मामले में मुझे मेरा पक्ष भी रखने को कहा गया औऱ पार्टी ने मुझे निलंबित भी कर दिया.

आकाश विजयवर्गीय के केस में अनिल सौमित्र का कहा कि जैसा माननीय प्रधानमंत्री ने कहा है, पार्टी को उनसे कारण पूछना चाहिए. किस स्थिति में और क्यों उन्‍होंने ऐसा व्यव्हार किया. आकाश विधायक भी हैं, तो किन स्थतियों में ऐसा हुआ. हो सकता है कि कोई सामाजिक या मनोवैज्ञानिक हालात हों, जिसके आवेग में आकर उन्होंने ऐसा व्यव्हार किया हो. उन्हें अपना पक्ष पार्टी के सामने रखना चाहिए. इसलिए पार्टी को कारण पूछना चाहिए.

दोहरा मापदंड
बीजेपी के मीडिया विंग से निलंबित अनिल सौमित्र ने कहा कि बड़े से बड़े अपराध में अपराधियों को सुधारने के लिए दंडित किया जाता है. अगर आपने भूलवश किसी को दंडित कर दिया तो इसका मतलब यह नहीं कि पांच और को दंडित कर दो तो भरपाई हो जाएगी. मेरा यह कहना है कि तीन लोगों के साथ जैसा व्यव्हार हुआ तो मेरे साथ भी वही व्यव्हार हो औऱ मेरा निलंबन वापस हो. उन्‍होंने प्रधानमंत्री के बयान के बाद अब आकाश के केस में भी पार्टी को कार्रवाई करनी चाहिए. प्रधानमंत्री की भी यह मंशा होगी कि सुधारात्मक कार्रवाई हो, ताकि हमारे कार्यकर्ता अच्छे व्यव्हार के साथ काम कर पाएं.

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