अजहर पर कार्रवाई पाक में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में कदम: अमेरिका

वॉशिंगटन
पाक की सरजमीं पर रहकर भारत में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्मद के सरगना अजहर मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के यूएन के कदम का अमेरिका ने स्वागत किया है। अमेरिका ने कहा है अजहर मसूद पर संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई पाकिस्तान में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने और दक्षिण एशिया में सुरक्षा, शांति और स्थिरता लाने के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता का हिस्सा है। इस कार्रवाई के बाद अमेरिकी प्रशासन ने उम्मीद जताई कि इस्लामाबाद अपनी जमीन से आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले टेरर ग्रुपों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।

 

ट्रंप प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव के रास्ते से चीन के हटने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 10 साल बाद चीन ने अपनी आपत्ति को हटाकर सही काम किया है। नाम नहीं छापने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढ़ रहे आतंकवाद पर कार्रवाई के महत्व को चीन समझ गया है।

गौरतलब है कि अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की पिछले 10 साल में 4 बार कोशिश हो चुकी थी। सबसे पहले 2009 में भारत ने प्रस्ताव रखा गया था। फिर 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध परिषद के समक्ष दूसरी बार प्रस्ताव रखा। इन्हीं देशों के समर्थन के साथ भारत ने 2017 में तीसरी बार यह प्रस्ताव रखा। इन सभी मौकों पर चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर ऐसा होने से रोक दिया था। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से जैश सरगना अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर चीन ने मार्च में भी वीटो लगा दिया था।

घातक आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए कुख्यात इस संगठन (जैश-ए-मोहम्मद) का ताजा उदाहरण पुलवामा अटैक है। गौरतलब है कि इस फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के करीब 44 जवान शहीद हो गए थे।

अमेरिकी अधिकारी ने अजहर मसूद पर कार्रवाई को बेहद जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से पाकिस्तान में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय से इसकी प्रतीक्षा थी।

अजहर पर हुई कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान के अंदर आतंकवाद पर नकेल कसने की उनकी प्रतिबद्धता और अपने देश में समृद्धि और विकास के लिए क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के संबंध में उनकी सोच के अनुरूप है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान की स्थिति पर निगरानी जारी रखेगा, ताकि तय हो सके कि प्रधानमंत्री इमरान खान के हाल के सकारात्मक बयान पाकिस्तान में आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाह को खत्म करने में सहायक साबित हो सके।

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