अगस्ता वेस्टलैंड: ED दफ्तर से अफसरों को चकमा देकर भागे कमलनाथ के भांजे

 
भोपाल     

अगस्ता वेस्टलैंड मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी को शनिवार को कोर्ट से राहत मिल गई है. कोर्ट ने सोमवार दोपहर 2 बजे तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. जिला अदालत ने सोमवार के लिए यह मामला सूचीबद्ध कर लिया है. हालांकि कोर्ट ने रतुल पुरी को दिल्ली स्थित ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए पहुंचने का आदेश दिया है.

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार पुरी अधिकारियों को चकमा देकर फरार हो गए थे. ईडी ने रतुल को अगस्ता वेस्टलैंड मामले में पूछताछ के लिए तलब किया था. इसके बाद वो ईडी दफ्तर भी पहुंचे, जिसके बाद एक अधिकारी ने उनको कुछ देर रुकने के लिए कहा, लेकिन रतुल पुरी मौका देखकर ईडी ऑफिस से फरार हो गए.
इसके बाद अधिकारी रतुल पुरी का इंतजार करते रहे, लेकिन वो नहीं आए. इसके बाद रतुल पुरी की तरफ से कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट के सामने पेश हुए और अग्रिम जमानत याचिका लगाई. उन्होंने कहा कि रतुल पुरी को अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए, क्योंकि उन्होंने कानूनी प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं पहुंचाई है और जांचकर्ताओं के साथ सहयोग किया है.

आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलि‍कॉप्टरों की खरीद के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ करार किया गया था. यह करार साल 2010 में 3 हजार 600 करोड़ रुपये का था, लेकिन जनवरी 2014 में भारत सरकार ने इसको रद्द कर दिया था.आरोप है कि इस करार में 360 करोड़ रुपये का कमीशन दिया गया था.

बताया जा रहा है कि इस मामले में रतुल पुरी का भी नाम आया था. हालांकि मामले में आरोपी से सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना ने पूछताछ में रतुल पुरी के नाम को छिपा लिया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *