अगले 50 सालों में फेसबुक पर जिंदा यूजर्स से ज्यादा होंगी ‘डेड’ प्रोफाइल्स

साल 2019 की पहली तिमाही में दिग्गज टेक कंपनी फेसबुक (Facebook) ने घोषणा की थी कि कंपनी ने 2.38 बिलियन डेली ऐक्टिव यूजर्स का आंकड़ा छू लिया है। यूजर बेस की अगर बात की जाए तो फेसबुक का यूजर बेस भारत और चीन की जनसंख्या से ज्यादा है। फेसबुक पर एक नई स्टडी में सामने आया है कि साल 2070 तक फेसबुक पर जिंदा यूजर्स से ज्यादा मृत प्रोफाइल्स होंगी। ये स्टडी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कार्ल ऑहमैन और डेविड वॉट्सन ने की है।

कैसे की गई स्टडी

फेसबुक पर यह स्टडी मौजूदा समय में यूजर्स की संख्या के आधार पर की गई है। स्टडी में यह बताया गया है कि अगर फेसबुक अपने मौजूदा ग्रोथ रेट 13 फीसदी के हिसाब से ग्रोथ करती है तो इस सेंचुरी के अंत तक फेसबुक पर डेड प्रोफाइल्स की संख्या 4.9 बिलियन हो जाएगी।

डेविड वॉट्सन कहते हैं, 'इतिहास में पहले कभी भी इस इतनी मात्रा में ह्यूमन बिहेवियर और कल्चर को एक जगह पर नहीं रखा गया है. इस आर्काइव को कंट्रोल करना एक तरीके से हमारे इतिहास को कंट्रोल करने जैसा ही होगा।' वॉट्सन का मानना है कि इस डेटा का एक्सेस किसी एक प्रॉफिट फर्म को नहीं होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस डेटा को प्रिजर्व करने के लिए फेसबुक को इतिहासकारों, और आर्कियोलॉजिस्ट्स को इन्वाइट करना चाहिए।

मेमोरियलाइज्ड या लिगेसी अकाउंट

आपको बता दें फेसबुक यूजर की मौत हो जाने की स्थिति में उसके अकाउंट को लेगेसी अकाउंट में कंवर्ट कर दिया जाता है। इसे मेमराइज़्ड अकाउंट भी कहा जाता है। फेसबुक की सेटिंग्स में एक ऑप्शन होता है जहां से लेगेसी अकाउंट सलेक्ट करने पर वह अकाउंट 'मेमोरियलाइज्ड' में बदल जाता है

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