मेघालय खदान रेस्क्यू: 18 दिन बीते, पानी का लेवल भी नहीं चला पता, फिर उतरेंगे नेवी के जवान
लुमथारी
मेघालय की खदान में 18 दिनों से फंसे 15 खनिकों को बचाने के लिए अब तक अभियान शुरू नहीं हो पाया है। रविवार को एनडीआरएफ और नेवी की टीमें नीचे उतरी थीं, लेकिन पानी की तलहटी तक भी नहीं पहुंच सकीं। ऐसे में अभियान कब शुरू हो सकेगा, इस बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एसके सिंह ने कहा कि डाइवर्स 70 फीट नीचे तक गए थे, लेकिन वे पानी के निचले स्तर तक नहीं जा सके। उनका कहना है कि पानी की गहराई बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पानी बहुत ज्यादा ठंडा भी है। ऐसे में डाइवर्स के लिए ऑपरेशन चलाना मुश्किल हो रहा है। हम अपनी ओर से भरसक प्रयास कर रहे हैं। कल जरूरी उपकरणों के साथ नेवी की टीम नीचे जाएगी। कल हम बेहतर नतीजे की उम्मीद कर रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, यह टीम 370 फीट गहरी खदान में पानी के स्तर का पता लगाने उतरी थी। एक बार पानी के स्तर के बारे में सही जानकारी मिलने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा से लाए गए 10 मोटर पंप्स को स्टैंड बाय पर रखा गया है। कोल इंडिया लिमिटेड के चीफ इंजिनियर जीएस गिल ने कहा, 'नेवी डाइवर्स नीचे गए हैं। देखते हैं, उन्हें क्या मिलता है। अगर कुछ नहीं मिलता तो हम पानी को पंपों की मदद सेबाहर निकालेंगे। पंप आकर रखे हुए हैं लेकिन अभी तक जेनरेटर नहीं आए हैं। जैसे ही जेनरेटर आ जाते हैं, पानी निकालने में पांच दिन का समय लग सकता है।'
ऑपरेशन से पहले जलस्तर मापना चाहती है नेवी
नेवी ऑपरेशन शुरू करने से पहले यह जानना चाहती है कि कितनी गहराई तक पानी भरा हुआ है क्योंकि नेवी डाइवर्स 100 फीट तक ही काम कर सकते हैं। खदान के पास कम से कम 200 राहतकर्मी जुटे हुए हैं। ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले के एसपी ने कहा कि पानी निकालने और ऑपरेशन शुरू करने के लिए कम से कम दो पंपों को नीचे उतारा जाएगा। ओडिशा के चीफ फायर ऑफिसर एस सेठी ने कहा कि उनकी टीम का काम पानी निकालने का है और वे इसके लिए तैयार हैं। सेठी ने यह भी कहा कि जब पंप चलाए जाएंगे तो उसके धुएं से खदान में फंसे लोगों का दम घुट सकता है। कोल इंडिया लिमिटेड कोलकाता के जनरल मैनेजर ए के भराली ने कहा, 'रांची से एक हाई पावर सबमर्सिबल पंप मंगाया गया है, जो प्रति मिनट 500 गैलन पानी निकाल सकता है। इसके अलावा रांची, धनबाद और आसनसोल से पांच और पंप आ रहे हैं।' कुछ और पंप गुवाहाटी पहुंच गए हैं और जल्द ही खदान के पास पहुंच जाएंगे।
कोल इंडिया लिमिटेड की टीम भी मौके पर मौजूद
उन्होंने यह भी कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड के 25 लोगों की टीम खदान के पास मौजूद है और सर्वे टीम अपना काम बखूबी कर रही है। आपको बताते चलें कि 13 दिसंबर को इस खदान में पास की लैटिन नदी का पानी भरने से 15 खननकर्मी फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ की टीम, नेवी, एनडीएमए और कोल इंडिया लिमिटेड की टीम के साथ मिलकर काम कर रही है।