Whatsapp की पेमेंट सर्विस जल्द होगी शुरू, थर्ड-पार्टी ऑडिट पर चल रहा काम

 नई दिल्ली
इंस्टैंट मेसेजिंग ऐप वॉट्सऐप को भारत में अपने पेमेंट डेटा को लोकलाइज और शुरू करने में 5 महीनों का और वक्त लगेगा। वॉट्सऐप ने अपनी इस पेमेंट सर्विस को टेस्ट करने के लिए कुछ चुनिंदा यूजर्स के बीच लॉन्च किया था। इसके साथ ही वॉट्सऐप को अपनी इस सेवा के लिए दूसरी कंपनियों के कड़े विरोध का भी सामना करना पड़ा था।
इस वक्त वॉट्सऐप को 10 लाख यूजर्स के बीच अपनी इस सेवा का बीटा टेस्ट करने की अनुमति मिली है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस चलाने वाली नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने वॉट्सऐप की इस सेवा के जरिए अभी केवल छोटे अमाउंट के ट्रांजैक्शन की परमिशन दी है।
वॉट्सऐप के इस प्लैटफॉर्म पर इस वक्त कितने यूजर मौजूद हैं इसकी जानकारी कंपनी ने कभी नहीं दी है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह संख्या करीब 7 लाख के आसपास है।
एक बैंकर ने बताया, 'देश के अंदर ही पेमेंट डेटा को स्टोर करने के लिए वॉट्सऐप ने शायद काम शुरू कर दिया है लेकिन थर्ड-पार्टी ऑडिट और सभी तकनीकी जरूरतों को पूरा होने में अगस्त या सितंबर तक का वक्त लग सकता है।' इकनॉमिक टाइम्स के एक सवाल का जवाब देते हुए वॉट्सऐप ने कहा कि भारत के डिजिटाइजेशन के अजेंडा को सपॉर्ट करने के लिए वह बैंक, एनपीसीआई, सरकार और दूसरे पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ मिलकर काम कर रहा है।
आरबीआई के नए रेग्युलेश के मुताबिक पेमेंट्स डेटा को भारत में ही स्टोर किया जाना होगा। इसके साथ ही डिजिटल पेमेंट्स बिजनस से जुड़ी सभी कंपनियों को CERTIN के ऑडिटर्स से थर्ड-पार्टी ऑडिट कराना जरूरी होगा। हाल ही में आई टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक वॉट्सऐप ने लोकलाइजेशन के लिए एक थर्ड-पार्टी ऑडिटर के साथ काम कर रहा है।
वॉट्सऐप अपनी पेमेंट सर्विस को ICICI Bank के साथ ऑफर करना शुरू किया था और अब कंपनी ने ऐक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई के साथ भी पार्टनरशिप कर ली है।
वॉटस्ऐप को सरकार के कड़े रुख का तब सामना करना पड़ा था जब उसके प्लैटफॉर्म के जरिए गलत जानकारी और फेक न्यूज को फैलाया जा रहा था। सरकार ने वॉट्सऐप से उसके प्लैटफॉर्म पर शेयर होने वाले मेसेज का ऐक्सेस मांगा था जो पूरी तरह से एनक्रिप्टेड हों। हालांकि वॉट्सऐप ने अभी तक इसे सरकार के साथ शेयर नहीं किया है।

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