US-तालिबान वार्ता से कश्मीर को जोड़ने पर अफगानिस्तान सख्त, बताया- लापरवाह, कुटिल बयान

काबुल
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कुछ खास भाव नहीं मिल रहा है। बौखलाए पाक ने अब अफगानिस्तान में जारी शांति प्रक्रिया को कश्मीर मुद्दे से जोड़ने की कोशिश की। हालांकि, अफगानिस्तान ने इस पर बेहद तल्ख प्रतिक्रिया दी है। कश्मीर को अफगानिस्तान में अमेरिका की अगुवाई में चल रही शांति प्रक्रिया से जोड़ने की पाकिस्तान की कोशिश को लापरवाह, कुटिल इरादों वाला और गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। अफगानिस्तान ने अपने यहां लंबे समय तक हिंसा फैलाने के इस्लामाबाद के नापाक इरादे की भी आलोचना की।

पाक राजदूत ने अफगानिस्तान से जोड़ा कश्मीर विवाद
अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद माजिद खान ने पिछले हफ्ते न्यू यार्क टाइम्स से कहा था कि ताजा भारत-पाक तनाव के बीच उनका देश अफगानिस्तान से लगती सीमा से लेकर कश्मीर तक सैनिकों की फिर से तैनाती कर सकता है। अखबार की खबर है कि इससे अमेरिका और तालिबान के बीच चल रही शांति वार्ता उलझ सकती है।

आर्टिकल 370 खत्म करने से पाक बेचैन
खान का बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत द्वारा अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म कर दिए जाने के बाद दोनों देशों के बीच फिर से तनाव बढ़ गया है। भारत के इस फैसले पर पाकिस्तान ने उसके साथ राजनयिक संबंध घटाते हुए अपने यहां से भारत के उच्चायुक्त को वापस भेज दिया। पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर लगातार अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे चारों ओर मुंह की खानी पड़ रही है।

अफगानिस्तान ने पाक को सुनाई खरी-खरी
पाकिस्तान के राजदूत के बयान को गुमराह करने वाला बयान करार देते हुए अमेरिका में अफगानिस्तान की राजदूत रोया रहमानी ने कहा, 'अफगान शांति प्रयास को कश्मीर की उभरती स्थिति से जोड़ने वाले ऐसे कोई भी बयान घृष्ट, अवांछित एवं गैर जिम्मेदाराना हैं।' रविवार को वॉशिंगटन स्थित अफगान दूतावास से जारी बयान में रहमानी ने कहा, 'अफगानिस्तान अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद माजिद खान के इस बयान पर दृढ़ता से प्रश्न खड़ा करता है कि कश्मीर के वर्तमान तनाव से अफगानिस्तान की शांति प्रकिया प्रभावित हो सकती है।'

अफगानिस्तान ने कहा, 'कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय है'
कश्मीर को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला बताते हुए रहमानी ने कहा कि उनके देश का मानना है कि कश्मीर मुद्दे से अफगानिस्तान को जानबूझकर जोड़ने का पाकिस्तान का मकसद अफगान धरती पर जारी हिंसा को और बढ़ाना है। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को अफगानिस्तान की ओर से कोई खतरा नहीं है। अफगान सरकार को पाकिस्तान द्वारा अपनी पश्चिमी सीमा पर हजारों सैनिकों को तैनात करने का कोई विश्वसनीय कारण नजर नहीं आता। उल्टा, अफगानिस्तान का स्थायित्व पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के कारण अक्सर खतरे में पड़ जाता है।'

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